नई दिल्ली। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर लगातार फैली। उस खबर में यह दावा था कि बिहार के बेगूसराय के रहने वाले एक लड़के, जिसका नाम ऋतुराज है, उसने दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल को 51 सेकेण्ड तक हैक कर लिया, यही नहीं इसके बाद गूगल ने उसे करोड़ो रूपये की नौकरी का ऑफर दे दिया है। बस फिर क्या था, तमाम प्रदेशवासियों ने भावनाओं के तूफान में बहते हुए अपने प्रदेश को पूरे भारत में विशिष्ट बनाने की ठान ली। कहने का आशय कि, खबर को टॉप बनाने के लिए लोगों ने बिना कुछ सोचे-समझे इसे बड़े पैमाने पर सर्कुलेट करना शुरू कर दिया। यह जानने की भी जहमत नहीं उठाई गई कि वास्तविकता क्या है? भावनाओं से सराबोर लोग यह भी नहीं सोच पाए कि मणिपुर में कोई आईआईटी कॉलेज नहीं है। गौरतलब है कि वायरल पोस्ट में ऋतुराज को मणिपुर आईआईटी का छात्र बताया गया था। बहरहाल, क्या है उस खबर की पूरी सच्चाई.. आईए आगे जानने का प्रयास करते हैं।
हैक नहीं बल्कि सिक्योरिटी बग ढूंढ़ा था
हैक करने की इस खबर की सच्चाई है कि ऋतुराज ने गूगल को हैक नहीं किया था, बल्कि प्रायोरिटी-2 में मौजूद एक बग ढ़ूंढा था। इंटरनेट पर ऐसा चलन है कि कंपनियां इस तरह की बग या गलती खोजने वाले को पुरस्कृत करती है। लेकिन बिहार के इस लाल को गूगल ने केवल नाम मेंशन किया, उन्हें अब तक कोई इनाम नहीं मिला है।
क्या कहा पूरे मामले पर खुद ऋतुराज ने
ऋतुराज से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि, उन्होंने एक बग का पता लगाया था, जो प्राइऑरिटी 2 में आता है। उन्होंने गूगल में नौकरी मिलने तथा 3.36 करोड़ के पैकेज के सवाल पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है, ये सब कोरी बातें हैं। उन्होंने आगे बताया कि बग खोजने और हैक करने में काफी अंतर होता है, मैंने सिर्फ बग खोजा है। पासपोर्ट बनने वाली बात पर उन्होंने कहा कि उनका पासपोर्ट अभी तक नहीं बना है। गूगल ने फिलहाल मेरा नाम मेंशन किया है और इनाम नहीं दिया है।