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क्या Global Warming का काट बनेगा Biofuel, जानिए भारत में Investment और सरकार की योजनाओं के बारे में

What is Biofuel: भारत में भी biofuel को लेकर तेज़ी से काम हो रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत में 50 per cent की Energy requirements renewable sources से की जाएगी जिसमें Biofuel भी शामिल है। फ़िलहाल भारत Fuel के लिए 85 per cent तक imports पर निर्भर है।

नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में हम Biofuel के बारे काफ़ी सुनते और पढ़ते आए हैं। यहाँ तक कि लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए 10 अगस्त को Biofuel day भी मनाया जाता है।तो क्या है ये biofuel और क्यों पूरी दुनिया और भारत इस biofuel की रेस में लगा हुआ है। जिस तरह प्रकृति इंसानों की रक्षा करती है उसी तरह इंसानों का दायित्व भी प्रकृति की रक्षा करना है। Nature protection के इसी दायित्व को निभाने के लिए दुनिया भर में तरह-तह के खोज और inventions हो रहे हैं जिसमें भारत काफ़ी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। प्रकृति की रक्षा के लिए फ़िलहाल सबसे बड़ा tool biofuel माना जा रहा है।पिछले कुछ सालों में हम Biofuel के बारे काफ़ी सुनते और पढ़ते आए हैं। यहाँ तक कि लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए 10 अगस्त को Biofuel day भी मनाया जाता है।तो क्या है ये biofuel और क्यों पूरी दुनिया और भारत इस biofuel की रेस में लगा हुआ है।


बायोफ्यूल वह Fuel होता है, जिसे पेड़-पौधों से प्राप्त किया जाता है। थोड़ा और Scientific तरीक़े से समझाएँ तो, जब हम plants और dead animals के Fat को modify कर देते हैं और ऐसा पदार्थ बनाते हैं जो fuel के रूप में use हो सके, उसे biofuel कहते हैं।Biofuel पारंपरिक fuel , जैसे petrol और diesel का alternative है। इसे हम कभी भी बना सकते हैं। इसे बनाने के लिए हमें Fossil Fuel के जितना लंबा समय नहीं लगता ।Biofuel में पारंपरिक ईंधन की अपेक्षा 86 प्रतिशत कम ग्रीनहाउस Gas होती हैं, इसके अलावा ये 47 प्रतिशत कम धुआं फेंकती है। इस की सबसे खास बात ये होती है कि इससे प्रदूषण नहीं होता है। बायो फ्यूल 3 तरह के होते हैं। आइए जानते हैं Biofuel की इन varieties के बारे में-

Ethanol : यह एक तरह का alcohol होता है, जो गन्ने से बनता है। जब गन्ने से चीनी बनाई जाती है तो उस प्रक्रिया में Ethanol एक Byproduct की तरह पैदा होता है। ये वही एथेनॉल है, जिसे पेट्रोल में मिलाया जा रहा है। मौजूदा समय में पेट्रोल में करीब 8 फीसदी तक एथेनॉल मिलाए जाने की मंजूरी दी जा चुकी है। ब्राजील में तो एथेनॉल कई तरह के फ्यूल के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि कुछ ऐसी भी गाड़ियां हैं, जो सिर्फ एथेनॉल पर ही चलती हैं। गन्ने के अलावा मक्का, चुकंदर, गेहूं, घास और अधिकतर पौधों के ना खाए जाने वाले हिस्सों से भी Ethanol बनता है।


Biodiesel : बायोडीजल को ऐसे पेड़ पौधों से बनाया जाता है जो Oilseeds की कैटेगरी में आते हैं। जैट्रोफा इसका एक अच्छा उदाहरण है। इससे तेल बनाया जाता है और फिर उससे Biodiesel बनाया जाता है। Biodiesel का इस्तेमाल डीजल में मिक्सिंग के लिए होता है, जिससे बड़े-बड़े ट्रक चलते हैं। जैट्रोफा के अलावा सोयाबीन, पाम ऑयल, मूंगफली का ऑयल, सब्जियों से मिला तेल, जानवर की चर्बी और एल्गी ऑयल से भी बायोडीजल बनाया जाता है। एल्गी ऑयल पानी में रहने वाले एल्गी यानी Cell से बनाया जाता है

Biojet Fuel: Biofuel की बाक़ी दो varieties की तरह ही बायोजेट फ्यूल भी Main Fuel में मिक्सिंग के ही काम आता है। यह जैट्रोफा जैसे पौधों से बनता है, जिसे एविशन टर्बाइन फ्यूल में मिक्स किया जाता है। अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी इसका इस्तेमाल करते हैं और भारत में भी करीब 25 फीसदी तक बायोजेट फ्यूल मिक्स कर के हवाई जहाज उड़ाने का ट्रायल हो चुका है। एक अनुमान के मुताबिक, बायोफ्यूल के इस्तेमाल से एविएशन क्षेत्र से होने वाले 80 per cent carbon emissions को कम किया जा सकेगा।


भारत में भी biofuel को लेकर तेज़ी से काम हो रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत में 50 per cent की Energy requirements renewable sources से की जाएगी जिसमें Biofuel भी शामिल है। फ़िलहाल भारत Fuel के लिए 85 per cent तक imports पर निर्भर है। लेकिन धीरे-धीरे दुनिया भर में Fossil Fuel खत्म हो रहे हैं। ऐसे में भारत को अपना alternative तलाशना होगा। इसलिए भारत Biofuel को लेकिन कई योजनाएं ला रही है।