नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर ध्रुव राठी से जुड़े मानहानि मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को माफीनामा पेश करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह शिकायतकर्ता को तय करना होगा कि उसे माफीनामा स्वीकार है या नहीं। केजरीवाल पर युट्यूबर ध्रुव राठी के वीडियो वाले एक ट्वीट को रीट्वीट करने के मामले में 2018 में यह केस दर्ज हुआ था। केजरीवाल ने इससे पहले माना था कि युट्यूबर ध्रुव राठी का एक वीडियो रीट्वीट करना उनकी गलती थी। कोर्ट अब 13 मई को मामले की अगली सुनवाई करेगी।
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ से कहा कि मुझे यह स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं है कि यह एक गलती थी। इस पर जस्टिस खन्ना ने शिकायतकर्ता के वकील से पूछा कि सिंघवी मान रहे हैं कि यह एक गलती थी, क्या आप इस मामले को बंद करने लिए सहमत हैं? शिकायतकर्ता के वकील ने पीठ से कहा कि वह इस पर निर्देश लेंगे।
बता दें कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर यूट्यूबर ध्रुव राठी के वीडियो को रीट्वीट करने के मामले में कथित 2018 में केस दर्ज हुआ था। जिसके बाद उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा शुरू किया गया। केजरीवाल के खिलाफ समन जारी हुआ, जिसको रद्द कराने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। ध्रुव राठी ने 2018 में एक ट्वीट करते हुए ‘आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी’ नाम के ट्विटर पेज के संस्थापक और संचालक पर बीजेपी आईटी सेल पार्ट-2 जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया था। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने इस ट्वीट को रीट्वीट कर दिया था। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए मुकदमा रद्द करने से मना कर दिया था कि ट्वीटर पर केजरीवाल को बड़ी संख्या में लोग फॉलो करते हैं। उन्होंने शिकायतकर्ता के खिलाफ कही गई अपमानजनक बातों की पुष्टि किए बिना उसे रीट्वीट किया और करोड़ों लोगों तक फैलाया। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में चल रहे मुकदमे पर अंतरिम रोक लगा रखी है।