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Kabul: तालिबान के खिलाफ उठ खड़ा हुआ एक पुजारी, इस अंदाज में दी आतंक को चुनौती

Kabul: तालिबान के डर से भले ही अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में लोग अपने घरों में छिपे हों या पलायन कर गए हों, लेकिन एक पुजारी ने तालिबान के आतंक को खुलेआम चुनौती दी है। इस पुजारी ने कहा है कि चाहे उनकी जान भी चली जाए, लेकिन वे तालिबान से डरकर नहीं भागने वाले।

काबुल। तालिबान के डर से भले ही अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में लोग अपने घरों में छिपे हों या पलायन कर गए हों, लेकिन एक पुजारी ने तालिबान के आतंक को खुलेआम चुनौती दी है। इस पुजारी ने कहा है कि चाहे उनकी जान भी चली जाए, लेकिन वे तालिबान से डरकर नहीं भागने वाले। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS की मैगजीन ऑर्गेनाइजर में इस पुजारी के साहस के बारे में खबर छपी है।

पुजारी का नाम राजेश कुमार है। वह काबुल के रतन नाथ मंदिर में पूजा कराते हैं। राजेश ने साफ कह दिया है कि अगर तालिबान उनकी जान भी ले लेता है, तो वे इसे मंदिर की सेवा ही मानेंगे। राजेश के हवाले से संघ की मैगजीन में छपा है कि काबुल के कुछ हिंदुओं ने उनके भारत लौटने के लिए धन की व्यवस्था की, लेकिन पुजारी ने काबुल से जाने से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना है कि पुरखों ने सैकड़ों साल से रतन नाथ मंदिर की सेवा की है और वह भी अंतिम सांस तक यहां पूजा-पाठ करते रहेंगे।

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बता दें कि पिछली बार के मुकाबले इस बार तालिबान का रंग-ढंग बदला हुआ दिख रहा है। तालिबान ने दो दिन पहले कुछ सिखों से मुलाकात की थी और उनको भरोसा दिया था कि नई सरकार में उनके लिए कोई खतरा नहीं होगा। इससे पहले जब तालिबान का शासन था, तो अफगानिस्तान में आए दिन हिंदुओं और सिखों पर जुल्म होता था।

तालिबान के नेताओं ने ये भी आदेश दिया है कि कोई भी किसी घर में जबरन दाखिल नहीं होगा। हालांकि, इस आदेश का सोमवार को दो जगह उल्लंघन भी हुआ। इसके बाद तालिबान की ओर से दोबारा आदेश जारी कर किसी भी आम नागरिक के घर में जबरन प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।