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Afghanistan Crisis Highlights: काबुल एयरपोर्ट पर फिर फायरिंग, भगदड़ में 7 अफगान नागरिकों की मौत

Afghanistan Crisis Highlights: काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग के बाद मची भगदड़ में 7 अफगान नागरिकों की मौत हो गई है। ब्रिटिश मिलिट्री की तरफ से इसे लेकर बयान सामने आया है कि काबुल एयरपोर्ट पर भगदड़ के दौरान 7 अफगान नागरिकों की जान चली गई है।

नई दिल्ली। अफगानिस्तान के लोगों को निकालने का काम चल रहा है। इस बीच खबर सामने आ रही है कि काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग के बाद मची भगदड़ में 7 अफगान नागरिकों की मौत हो गई है। ब्रिटिश मिलिट्री की तरफ से इसे लेकर बयान सामने आया है कि काबुल एयरपोर्ट पर भगदड़ के दौरान 7 अफगान नागरिकों की जान चली गई है। रविवार को मिलिट्री की तरफ से जारी बयान में ये कहा गया है कि यहां हालात भले ही खराब हो लेकिन इसे काबू में लाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।

बता दें, आज सुबह 11 बजे करीब हिंडन एयरबेस पर भारतीय एयरफोर्स का C-17 ग्लोबमास्टर विमान लैंड हुआ। विदेश मंत्रालय की बड़ी मशक्कत के बाद 168 लोगों को आखिरकार अफगानिस्तान से देश ले आया गया। इनमें 107 भारतीय नागरिक और बाकी अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख हैं। इससे पहले शनिवार देर रात भी एयर इंडिया का विमान 87 भारतीयों को लेकर ताजिकिस्तान के रास्ते दिल्ली पहुंचा था। इनके अलावा दो नेपाली नागरिकों को भी वहां से लाया गया। विमान में सवार होने के बाद सभी लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। इसका वीडियो वायरल हो रहा है। 168 लोगों को लेकर आए विमान को उड़ान भरने से पहले काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। काबुल एयरपोर्ट पर विमानों को उड़ान भरने में परेशानी हो रही है। अंदर अमेरिकी सुरक्षा बलों का कब्जा है। जबकि बाहर तालिबान पहरा दे रहे हैं।

शनिवार को काबुल एयरपोर्ट पहुंचे करीब 150 भारतीयों को तालिबान अपने साथ ले गए थे। इससे अफरातफरी मच गई थी। बाद में तालिबान ने कहा था कि भारतीयों को उन्होंने अगवा नहीं किया था। बल्कि, वे उन्हें सुरक्षित काबुल एयरपोर्ट के भीतर ले गए थे। कुल मिलाकर अब तक करीब 390 भारतीयों को काबुल से वापस लाया जा चुका है। इनमें से कुछ को ताजिकिस्तान और कुछ को दोहा के रास्ते लाया गया। अब भी करीब 400 भारतीयों के काबुल में फंसे होने का अनुमान है। अमेरिका की मदद से भारत सरकार इनकी वापसी की भी कोशिश कर रही है। भारतीयों को वहां से निकालने का काम सुचारू तौर पर चलाने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी अपनी विदेश यात्रा अधूरी छोड़कर दिल्ली आ चुके