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अमेरिका चीन को देने लगा झटका, अब उसकी इतनी कंपनियों को किया ब्लैकलिस्ट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना संक्रमण को लेकर चीन पर लगातार हमला किये जा रहा है। चीनी स्टॉक मार्केट से अरबों डॉलर के अमेरिकी पेंशन निधि निवेश को वापस लेने के ऐलान के बाद अब अमेरिका चीन की ऐसी 33 कंपनियों और संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट करने जा रहा है जो कथित रूप से चीनी सेना के साथ जुड़ी हैं।

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना संक्रमण को लेकर चीन पर लगातार हमला किये जा रहा है। चीनी स्टॉक मार्केट से अरबों डॉलर के अमेरिकी पेंशन निधि निवेश को वापस लेने के ऐलान के बाद अब अमेरिका चीन की ऐसी 33 कंपनियों और संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट करने जा रहा है जो कथित रूप से चीनी सेना के साथ जुड़ी हैं।

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ट्रंप लगातार आरोप लगा रहे हैं कोरोना वायरस न सिर्फ वुहान की लैब में पैदा हुआ बल्कि चीन ने जानबूझ कर इसे दुनिया में फैलने दिया।अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, ‘सात कंपनियों और दो संस्थानों को लिस्ट में डाला गया क्योंकि वे ऊइगर और अन्य लोगों के मानवाधिकारों के हनन के चीनी अभियान से जुड़ी थीं जिनके तहत बड़ी तादाद में लोगों को बेवजह हिरासत में लिया जाता है, उनसे बंधुआ मजदूरी करवाई जाती है और हाई-टेक तकनीक के सहारे उन पर नजर रखी जाती है।’

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इसके आलावा दो दर्जन अन्य कंपनियों, सरकारी संस्थाओं और व्यावसायिक संगठनों को भी चीनी सेना के लिए सामान की आपूर्ति करने के कारण लिस्ट में डाला गया है।

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ब्लैकलिस्ट होने वाली ये कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और फेशियल रिकोग्निशन जैसी तकनीकों के क्षेत्र में काम करती हैं। बता दें कि अमेरिका की ही कई बड़ी कंपनियों जिनमें इंटेल कॉर्प और एनविडिया कॉर्प शामिल हैं ने इनमें भारी निवेश किया है। चीन की ब्लैकलिस्ट की गई कंपनियों में नेटपोसा का नाम शामिल है जो चीन की एक बड़ी एआई कंपनी जिसकी फ़ेशियल रिकोग्निशन पर काम करने वाली सहयोगी कंपनी को मुसलमानों की निगरानी करने में लिप्त बताया जा रहा है।