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US-Pak Relation : अमेरिका ने पाकिस्तान को बताया धार्मिक आजादी का सबसे बड़ा गुनाहगार, US की हिट लिस्ट में ये देश भी शामिल

US-Pak Relation : अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बताया कि धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत विशेष चिंता वाले देशों में चीन, ईरान और रूस के अलावा उत्तरी कोरिया और म्यांमार भी शामिल हैं।

वॉशिंगटन। पाकिस्तान में धार्मिक आजादी के नाम पर शोषण एक लंबे वक्त से होता आया है। इसी को लेकर कई बार पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किए गए हैं। लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बात नहीं आता। इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ ने धार्मिक आजादी का उल्लंघन करने वाले 12 देशों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में बेहद गंभीर उल्लंघन करने वाले देशों में रूस, पाकिस्तान, ईरान और चीन शामिल है। मामले की जानकारी देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को चीन, ईरान और रूस को गंभीर उल्लंघनों पर धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित किया है। रूस की खूंखार प्राइवेट आर्मी वैग्नर ग्रुप को भी प्रतिबंधित किया है।

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बताया कि धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत विशेष चिंता वाले देशों में चीन, ईरान और रूस के अलावा उत्तरी कोरिया और म्यांमार भी शामिल हैं। जबकि, अल्जीरिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोमोरोस और वियतनाम को निगरानी की सूची में रखा गया है। पाकिस्तान का भी नाम विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित अन्य देशों में क्यूबा, ​​इरिट्रिया, निकारागुआ, पाकिस्तान, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान भी हैं। वैग्नर ग्रुप पर बैन अमेरिका ने रूस पर एक और कार्रवाई करते हुए रूस की खूंखार प्राइवेट आर्मी वैग्नर ग्रुप को बैन कर कर दिया है। गौरतलब है कि चीन में भी उइगर मुसलमानों के ऊपर शिंजियांग प्रांत में बीते कई सालों के दौरान अत्याचार किए गए हैं और उनको जबरन अपना धर्म छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है।

इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने ये भी कहा कि यह ग्रुप यूक्रेन में आम लोगों पर बेतहाशा जुल्म करने का अपराधी है। वैग्नर ग्रुप मध्य अफ्रीकी गणराज्य और सीरिया में भी एक्टिव है। इसी आर्मी के जरिए रूस इन देशों में भी अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहा है। ईरान में प्रदर्शनकारियों पर जुल्म निंदनीय ब्लिंकन ने अपने बयान में कहा कि ईरान में हिजाब के खिलाफ एकजुट हुए लोगों को रोकने के लिए हुकूमत द्वारा की जा रही कार्रवाई निंदनीय है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर क्रूर कार्रवाई को लेकर वाशिंगटन ने ईरान पर दबाव बढ़ाया है। 1979 की क्रांति के बाद से इस्लामिक गणराज्य ईरान में यह सबसे साहसिक प्रदर्शन है। गौर हो कि ईरान में हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। जबकि, 14 हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ईरान में मुस्लिम धर्म प्रमुखता से माना जाता है इसीलिए वहां पर अन्य धर्मों के लोगों के लिए कुछ खास धार्मिक आजादी नहीं है।