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वुहान विषाणु अनुसंधान केंद्र पर अमेरिकी पक्ष का आरोप निराधार

वुहान विषाणु अनुसंधान पर कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञों और मीडिया के हमले के दो मुख्य कारण हैं। पहला, यह संस्था सबसे पहले कोरोना मामला पाये जाने वाले हुआनान सीफूड बाजार के नजदीक है।

नई दिल्ली। अमेरिकी फोक्स न्यूज ने 19 अप्रैल को रिपोर्ट कर दावा किया कि नोवेल कोरोना वायरस चीनी विज्ञान अकादमी वुहान विषाणु अनुसंधान केंद्र से आया है और अमेरिका को इसकी पूरी जांच करनी चाहिए। यह पहली बार नहीं है कि फोक्स न्यूज ने वुहान विषाणु अनुसंधान केंद्र पर आरोप लगाया है। उधर, अमेरिकी नेता ने इस पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि वुहान विषाणु अनुसंधान केंद्र में रिसाव होने की जांच की जानी चाहिए। सब जानते हैं कि फोक्स न्यूज अमेरिकी नेता का दृढ समर्थक है। दोनों ने जो राजनीतिक प्रतिक्रिया प्रदर्शित किया है उसका उद्देश्य चीन को बलि का बकरा बनाकर महामारी के मुकाबले में अमेरिकी सरकार की असमर्थता ढकना और लोगों का ध्यान भंग करना है।

China America
वुहान विषाणु अनुसंधान पर कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञों और मीडिया के हमले के दो मुख्य कारण हैं। पहला, यह संस्था सबसे पहले कोरोना मामला पाये जाने वाले हुआनान सीफूड बाजार के नजदीक है। दूसरा, उन्होंने झूठा दावा किया कि यह संस्था रासायनिक हथियार के अनुसंधान से जुड़ा है। वास्तव में ऐसी बातें एकदम झूठ और काल्पनिक है।

Wuhan Lab

सबसे पहले वुहान विषाणु अनुसंधान संस्था अमेरिका और फ्रांस के वैज्ञानिक जगत के साथ घनिष्ठ सहयोग से संचालित होती है। उसके जैविक सुरक्षा चार दर्जे वाले प्रयोगशाला चीन और फ्रांस के बीच सरकारी सहयोग की परियोजना है। वास्तव में महामारी फैलने के बाद वुहान विषाणु अनुसंधान संस्था वायरस के अध्ययन में जुटी है। उसने विश्व स्वास्थ्य संगठन से नोवेल कोरोना वायरस की जीन सीक्वीस सार्वजनिक किया, जिसने विभिन्न देशों के लिए जांच उपाय के निर्धारण और टीका के विकास के लिए महत्वपूर्ण आधार तैयार किया है।


इस के अलावा नोवेल कोरोना वायरस प्राकृतिक है या कृत्रिम है। अंतरराष्ट्रीय मुख्य वैज्ञानिक जगत ने इसके बारे में स्पष्ट निष्कर्ष निकाला है। उनका व्यापक विचार है कि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि वायरस प्रयोगशाला से आया है।