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असम में सिंचाई के लिए भूटान ने सीमा पर रोका पानी? जानिए इसकी सच्चाई, भूटान ने खुद दी सफाई

इससे पहले गुरुवार को खबर आई थी कि चीन के दबाव में असम के करीब भूटान ने भारतीय सीमा पर सिंचाई के लिए पानी छोड़ना बंद कर दिया है। इससे सीमावर्ती 25 गांवों के हजारों किसानों पर संकट आ गया है।

नई दिल्ली। भारत-चीन के विवाद के बीच एक खबर आई कि भूटान ने भारतीय सीमा पर असम में सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले पानी को रोक दिया है। इस खबर के सामने आने के बाद अब भूटान ने खुद इसकी सच्चाई बताई है। भूटान सरकार की ओर से इस मामले में सफाई दी गई है कि उनके देश से असम की ओर जाने वाले पानी की सप्‍लाई को रोका नहीं गया है।

Bhutan River

भूटान के वित्त मंत्री ने दी सफाई?

इसको लेकर भूटान के वित्त मंत्री ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया है जिसमें कहा कि, ‘भूटान से भारतीय राज्य असम तक पानी रोका नहीं गया है। पानी का प्रवाह स्थानीय लोगों के साथ जारी है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सिंचाई के साधन उपलब्ध हैं।’

उन्होंने कहा है कि, ‘भारत के हमारे किसान मित्रों को दैफाम-उदलगुरी, समरंग-भंगातर, मोटोंगा-बोकाजुले और समद्रपोंगखार से पानी की निरंतर आपूर्ति की जा रही है।’

Bhutan River Assam

असम के मुख्‍य सचिव ने क्या कहा?

वहीं असम के मुख्‍य सचिव कुमार संजय कृष्‍णा ने भी भूटान द्वारा पानी रोके जाने की खबरों का खंडन किया। कुमार संजय कृष्‍णा ने बताया कि, ‘भूटान के साथ असम के जिले का बॉर्डर है। भूटान के पहाड़ से जो नॉर्दन चैनल है, वहां पानी आता है खेतों के लिए। लेकिन लॉकडाउन होने के कारण वो जो चैनल साफ नहीं हो पाया था। वहां काफी पत्‍थर जमा हो गए थे, जिसकी वजह से पानी रुक गया था। ऐसे में जब हमारे भूटान से बात की, तो इसके तुरंत बाद चैनल को साफ किया गया है। अब पानी खेतों में आना शुरू हो गया है। भूटान और भारत के बीच कोई समस्‍या नहीं है। पानी रोके जाने की खबरों में कोई सच्‍चाई नहीं है।’

Bhutan River Assam cleanneess

वो निराधार खबर क्या थी?

इससे पहले गुरुवार को खबर आई थी कि चीन के दबाव में असम के करीब भूटान ने भारतीय सीमा पर सिंचाई के लिए पानी छोड़ना बंद कर दिया है। इससे सीमावर्ती 25 गांवों के हजारों किसानों पर संकट आ गया है। गुवाहाटी में सूत्रों के अनुसार, धान की रोपाई के लिए मानव निर्मित सिंचाई प्रणाली ‘डोंग’ को बाधित किए जाने के खिलाफ किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया है। सीमावर्ती क्षेत्र में भूटान और भारत के किसान इस सिंचाई प्रणाली का उपयोग वर्ष 1953 से करते आ रहे हैं। लेकिन थिंपू में भूटान सरकार के अखबार के संपादक तेंजिंग लांगसांग ने विवादित बयान देते हुए कहा कि भूटान ने भारत की ओर जाने वाले सिंचाई के सारे पानी को रोक लिया है।

इस मामले में उन्होंने कई ट्वीट करते हुए कहा कि हर साल भूटान असम के किसानों को पानी का रुख मोड़ने देता था, ताकि वह सिंचाई के लिए कुछ पानी जुटा सकें। लेकिन अब सीमाएं सील कर दी गई हैं। इससे सीमावर्ती किसान घबरा गए, लेकिन अब बात साफ हो गई है।