
ताइपे। ताइवान पर चीन के हमले की आशंका ने जोर पकड़ लिया है। चीन की सेना की एक बड़ी हरकत से इस आशंका को जोर मिला है। चीन ने ताइवान के पास समुद्र में 3 युद्धपोत तैनात किए हैं। साथ ही 13 युद्धक विमानों की तैनाती भी की है। चीन की सेना ने कहा है कि अगले 3 दिन वो युद्धाभ्यास करेगी। दरअसल, ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन हाल ही में अमेरिका की यात्रा पर गई थीं। वेन की इसी यात्रा से चीन भड़का हुआ है। चीन की सेना के प्रवक्ता शी यी ने कहा कि ये ऑपरेशन ताइवान की आजादी चाहने वाली अलगाववादी ताकतों और बाहरी तत्वों की मिलीभगत के खिलाफ है। एक तरफ युद्धाभ्यास और दूसरी तरफ ऑपरेशन की बात कहे जाने से ही चीन की मंशा में गड़बड़ी लग रही है।
इस बीच, ताइवान की सेना की तरफ से आज सुबह बताया गया कि चीन के 40 लड़ाकू विमानों ने उसके एयरस्पेस का उल्लंघन किया है। ताइवान ने हालात को देखते हुए अपनी सेना और वायु सुरक्षा डिवीजन को हाई अलर्ट पर रखा है। चीन ने इससे पहले पिछले साल भी कई दिन तक ताइवान के इर्द-गिर्द समुद्र में जमकर युद्धाभ्यास किया था। तब चीन की सेना ने ताइवान के आसपास गोले भी दागे थे। चीन का वो युद्धाभ्यास अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा का खिलाफ हुआ था। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी ताइवान को अपने देश में मिलाने के लिए प्रस्ताव तक पास करा चुके हैं।

चीन लगातार कहता है कि ताइवान उसका हिस्सा है। ताइवान इससे इनकार कर खुद को संप्रभु देश बताता है। ताइवान को हालांकि, चीन के रुख के कारण संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता भी नहीं मिल सकी है। ताइवान के पक्ष में अमेरिका और उसके कुछ सहयोगी देश हमेशा रहते हैं। अमेरिका से ताइवान को हथियार भी दिए जाते हैं। इस वजह से चीन और अमेरिका के बीच भी हमेशा तनाव बना रहता है। अमेरिका ने हमेशा कहा है कि वो ताइवान की चीन से हर हाल में सुरक्षा करता रहेगा।