बीजिंग। जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए सदस्य देशों के नेता ब्रिटेन के कॉर्नवाल में एकत्रित हुए हैं। चाहे कोरोना वायरस हो या अन्य वैश्विक मुद्दे ज्यादातर देश चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाए दिखाई दे रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तो नेताओं से इतना तक कहा है कि वह चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करें। लेकिन अब तक चुप बैठे चीन ने सम्मेलन के आखिरी दिन एक कार्टून बनाकर जवाब दिया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक कार्टून की तस्वीर शेयर की है।
चीन ने कार्टून के जरिए जी-7 देश के नेताओं का मजाक उड़ाने की कोशिश की है। ग्लोबल टाइम्स ने तस्वीर शेयर करते हुए उसके कैप्शन में सवालिया लहजे से लिखा है, ‘जी-7 देश किसके माध्यम से दुनिया पर अपना शासन बनाए रख सकते हैं? घटते मूल्य वाला अमेरिकी डॉलर, परमाणु अपशिष्ट जल या मेंग वानझोउ को हिरासत में रखने से? एक चीनी कार्टूनिस्ट ने अपना जवाब दे दिया है।’
मेंग वानझोउ चीन की हुवावे कंपनी के संस्थापक की बेटी और मुख्य वित्तीय अधिकारी हैं, जिन्हें अमेरिका के प्रत्यर्पण अनुरोध पर कनाडा ने हिरासत में ले लिया था।
Through what can the #G7 maintain its rule of the world? Depreciation of the US #dollar, nuclear #wastewater, or the detention of #MengWanzhou? A Chinese cartoonist gives his answer.
Credit: “The Last G7” by Bantonglaoatang pic.twitter.com/Y5nMu9D3v3
— Global Times (@globaltimesnews) June 13, 2021
ब्रिटेन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने भी बयान जारी कर जी-7 देशों की निंदा की है। उन्होंने कहा है, ‘हम हमेशा ही ये विश्वास करते हैं कि कोई देश चाहे छोटा हो या बड़ा, मजबूत हो या कमजोर, गरीब हो या अमीर सब बराबर हैं. वैश्विक मामलों पर दुनिया के सभी देशों का परामर्श जरूरी है। वो दिन कब के चले गए, जब वैश्विक मामलों पर कुछ देशों का छोटा सा समूह फैसले लिया करता था।’ प्रवक्ता ने कहा कि कुछ मुट्ठीभर देशों को वैश्विक मामलों पर अकेले नहीं बोलना चाहिए।
जी-7 शिखर सम्मेलन के नेताओं ने चीन के वैश्विक अभियान के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक बुनियादी ढांचा योजना तैयार की है। लेकिन फिलहाल इस बात पर सहमति नहीं बन पा रही है कि मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर चीन को कैसे रोका जाए। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सभी देशों पर बंधुआ मजदूरी प्रथाओं को लेकर चीन के बहिष्कार का दबाव बनाने पर भी जोर दिया। इसके लिए एक योजना तैयार करने पर बात हुई है। जी-7 कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका का एक समूह है।