बीजिंग। दिल्ली में 8 से 10 सितंबर तक जी-20 देशों की बैठक होनी है। इसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी आना है। इससे ठीक पहले चीन ने एक बार फिर कुटिल चाल चलते हुए अपना भारत विरोधी रुख दिखाया है। चीन ने अपना नया मैप जारी किया है। इस मैप में चीन ने भारत के पूर्वी लद्दाख स्थित अक्साई चिन, अरुणाचल प्रदेश, ताइवान और दक्षिणी चीन सागर को अपना बताया है। चीन की तरफ से नया मैप जारी करने पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है। भारत सरकार ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और आगे भी रहेगा।
The 2023 edition of China’s standard map was officially released on Monday and launched on the website of the standard map service hosted by the Ministry of Natural Resources. This map is compiled based on the drawing method of national boundaries of China and various countries… pic.twitter.com/bmtriz2Yqe
— Global Times (@globaltimesnews) August 28, 2023
चीन का नया मैप वहां के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने ट्विटर हैंडल पर जारी किया। अखबार ने बताया कि चीन की सरकार ने ये नया मैप जारी किया है। अखबार का कहना है कि चीन का नया मैप चीन के साथ ही अलग-अलग देशों की सीमा की ड्रॉइंग के मुताबिक तैयार किया गया है। ग्लोबल टाइम्स ने जो मैप जारी किया, उसमें चीन के कब्जे में स्थित अक्साई चिन और भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा दिखाया गया है। चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश को अपने दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता रहा है। वहीं, अक्साई चिन को भी अपना हिस्सा बताता है। 1962 की जंग के बाद चीन ने अक्साई चिन पर कब्जा बनाए रखा था। जबकि, अरुणाचल प्रदेश से उसकी सेना लौट गई थी।
चीन के नए मैप में दक्षिणी चीन सागर और ताइवान को अपना हिस्सा दिखाए जाने से अमेरिका और पश्चिमी देशों से उसका तनाव और बढ़ने के भी आसार हैं। अमेरिका हमेशा ताइवान को समर्थन देता है। वहीं, दक्षिणी चीन सागर को संयुक्त राष्ट्र ने चीन का मानने से इनकार कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र के इस संबंध में आए आदेश को मानने से चीन हमेशा इनकार करता है। इसकी वजह से दक्षिणी चीन सागर के साथ बसे फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम वगैरा से चीन का सीमा विवाद चल रहा है।