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Nepal: नेपाल के पूर्व पीएम ओली का विवादित बयान- सत्ता में वापस आए तो भारत से वापस ले लेंगे तीन इलाके

Nepal: इस कार्यक्रम में नेपाल के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ ही बांग्लादेश, भारत, कंबोडिया और श्रीलंका और विभिन्न देशों की पार्टियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

नई दिल्ली। नेपाल में इस वक्त शेर बहादुर देउवा प्रधानमंत्री पद पर हैं। इससे पहले केपी शर्मा ओली इस पद पर आसीन थे। ऐसे में एक बार फिर सत्ता में आने के लिए ओली लोगों के लिए लुभावने वादे कर रहे हैं। इस बीच अब नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने भारत से सीमा विवाद पर एक विवादित बयान दिया है। केपी शर्मा ओली ने वादा करते हुए कहा है कि अगर उनकी पार्टी दोबारा सत्ता में आती है तो वो भारत से वार्ता कर लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के क्षेत्रों को वापस ले लेंगे। बता दें, लिपुलेख दर्रा कालापानी के पास एक सुदूर पश्चिमी बिंदु पर स्थित है जो कि नेपाल और भारत के मध्य एक विवादित सीमा क्षेत्र है। भारत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के हिस्से के रूप में और नेपाल धारचूला जिले के हिस्से के रूप में इस पर दावा करता है।

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काठमांडू से 160 किलोमीटर दक्षिण में चितवन में नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के 10वें आम सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के दौरान ओली ने दावा करते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी दोबारा सत्ता वापसी करती है तो वह ‘‘भारत से बातचीत के माध्यम से लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख जैसे विवादित क्षेत्रों को वापस ले लेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम बातचीत के जरिए समस्याओं के समाधान के पक्ष में हैं, न कि पड़ोसियों से दुश्मनी करके।’’

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इस कार्यक्रम में नेपाल के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ ही बांग्लादेश, भारत, कंबोडिया और श्रीलंका और विभिन्न देशों की पार्टियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।