वाशिंगटन। इस वक्त पूरी दुनिया में कोरोनावायरस महामारी की वजह से हड़कंप मचा हुआ है। दुनिया की बड़ी से बड़ी महाशक्तियां इस महामारी के आगे मजबूर हैं और अपने घुटने टेक रहे हैं। पूरे विश्व में कोरोना महामारी बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान में इसका नुकसान सबसे ज्यादा अमेरिका को हो रहा है। इस बीच अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी कि WHO पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए फंडिंग रोकने का निर्णय लिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाते हुए कहा कि WHO ने चीन में कोरोना वायरस की गंभीरता को छिपाते हुए इससे पूरी दुनिया में फैलने दिया। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने अपने प्रशासन को डब्ल्यूएचओ को फंडिंग रोकने के भी आदेश दिए। आपको बता दें कि कोरोनावायरस अमेरिका में भयंकर रूप धारण कर चुका है। अमेरिका में अब तक कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 600000 के पार हो गई है जबकि 25000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका का सबसे बड़ा शहर न्यू यार्क इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। न्यू यार्क में लगभग 230000 लोग कोरोना से संक्रमित हैं जबकि 11000 के आसपास लोगों की मौत हुई है।
कोरोनावायरस के चलते अमेरिका में 1 दिन में सबसे अधिक इक्कीस सौ से ज्यादा मौतें हुई हैं हुई हैं। सौ से ज्यादा मौतें हुई हैं हुई हैं जिससे कि वहां का स्वास्थ्य ढांचा पूरी तरीके से चरमरा गया है अब वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के आगे सबसे बड़ा सवाल यह है कि अपने नागरिकों की जान कैसे बचाई जाए इसके अलावा सरकार गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने की पूरी कोशिशों में लगी हुई है।
गौरतलब है की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा की गई तैयारियों पर सवाल उठाए थे। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर डोनाल्ड ट्रंप सरकार की आलोचना भी की थी। इससे नाराज डोनाल्ड ट्रंप ने ने WHO की फंडिंग यह कहते हुए रोक दी उसने चीन में कोरोना वायरस के प्रसार को दुनियाभर से छिपाया और दुनिया के आगे एक महा संकट पैदा करने में डब्ल्यूएचओ की भी एक बड़ी भूमिका है।
अब डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले पर चिंता जताते हुए चीन ने अमेरिका से आग्रह किया कि वह कोरोना संकट के समय में अपने दायित्व को पूरा करें। चीन ने कहा कि अमेरिका के इस फैसले से डब्ल्यूएचओ की क्षमताएं कम होंगी और महामारी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान कमजोर पड़ेगा। वहीं, माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष बिल गेट्स ने अमेरिका के इस फैसले को खतरनाक बताया है।
बिल गेट्स ने ट्वीट कर कहा कि इस वैश्विक महामारी के समय डब्ल्यूएचओ की फंडिंग को रोकना खतरनाक है। उन्होंने आगे कहा कि डब्ल्यूएचओ की ओर से किए जा रहे कार्यों से कोविड-19 को फैलने से रोकने में मदद मिल रही है।
Halting funding for the World Health Organization during a world health crisis is as dangerous as it sounds. Their work is slowing the spread of COVID-19 and if that work is stopped no other organization can replace them. The world needs @WHO now more than ever.
— Bill Gates (@BillGates) April 15, 2020
लेकिन अमेरिकी सरकार अभी तक अपने फैसले पर अडिग है और डोनाल्ड ट्रंप को अपने द्वारा लिए गए फैसले का कोई मलाल दिखाई नहीं दे रहा है।