
नई दिल्ली। कोरोनावायरस दुनिया में तेजी से फैलता जा रहा है। इस वैश्विक महामारी ने जो कहर बरपाया है उसका असर पूरी मानव सभ्यता पर सदियों तक बना रहेगा। लेकिन अगर जल्दी ही इस वायरस की वैक्सीन नहीं खोजी गई तो दुनिया के कई देश पूरी तरह कंगाल हो जाएंगे। इस बीच ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca), ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर सितंबर माह तक 2 बिलियन कोरोना वैक्सीन का उत्पादन करने की योजना बना रही है।
एस्ट्राजेनेका के मुख्य कार्यकारी पास्कल सोरियोट ने बीबीसी रेडियो को बताया, ‘अब तक हम ट्रैक पर हैं। हम अभी इस वैक्सीन का निर्माण शुरू कर रहे हैं. हमारी वर्तमान धारणा यह है कि गर्मियों के अंत तक, यानी अगस्त तक हमारे पास इसका पूरा डेटा होगा।’ इस बीच, अमेरिका (America) ने भी कहा है कि उसने पहले ही दो मिलियन वैक्सीन का उत्पादन कर लिया है, जिसकी बस सुरक्षा जांच होनी बाकी है।
बता दें, ब्रिटेन की फार्मा कंपनी AstraZeneca ने कुछ दिन पहले भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बिलगेट्स समर्थित दो ग्लोबल हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ एक करार किया है। इसके तहत इस साल और अगले साल के दौरान AstraZeneca की संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन के 2 अरब खुराक की सप्लाई की जाएगी।
इसके पहले कंपनी अमेरिका और ब्रिटिश सरकार को भी अपनी संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन की सप्लाई के लिए सहमति दे चुकी है। AstraZeneca ने 4 जून को दिए गए अपने बयान में कहा था कि उसने दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ एक करार किया है जिसके तहत मध्यम और निम्न आय वर्ग के देशों में उसके संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन के 1 अरब खुराक की सप्लाई की जायेगी।
अमेरिकी सरकार से 1 अरब डॉलर से ज्यादा का अनुदान
AstraZeneca ऑक्सफोर्ड यूनिवसिर्टी के साथ भागीदारी में कोरोना वायरस वैक्सीन बना रही है और इसको इस वैक्सीन के विकास के लिए काफी तगड़ा कैन्डीडेट माना जा रहा है। कंपनी को पिछले महीने अपनी टेस्टिंग और मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अमेरिकी सरकार से 1 अरब डॉलर से ज्यादा का अनुदान मिला था।