कोरोनावायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों की एंटीबॉडी से बनी दवा, जल्द होगी बाजार में उपलब्ध!

दुनियाभर में महामारी कोरोनावायरस से जुड़ी कई तरह की रिसर्च चल रही हैं। वैज्ञानिक लगातार वैक्सीन की खोज में जुटे हुए हैं। इस बीच कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही दुनिया के लिए एक अच्‍छी खबर सामने आई है।

Avatar Written by: June 4, 2020 8:38 pm

नई दिल्ली। दुनियाभर में महामारी कोरोनावायरस से जुड़ी कई तरह की रिसर्च चल रही हैं। वैज्ञानिक लगातार वैक्सीन की खोज में जुटे हुए हैं। इस बीच कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही दुनिया के लिए एक अच्‍छी खबर सामने आई है। अमेरिका की एली लिली कंपनी ने घोषणा की कि उसने कोविड-19 से ठीक हो चुके एक मरीज के खून के नमूने से दवा बनाई है। इस दवा अब इंसानों पर परीक्षण शुरू हो गया है। अमेरिकी दवा कंपनी ने कहा कि कोरोना मरीज को दुनिया की पहली एंटीबॉडी से तैयार दवा का डोज दिया गया है।

Vaccine

इस दवा को ‘LY-CoV555’नाम दिया गया है। इसे लिली और अब सेल्‍लेरा बायोलॉजी कंपनी ने मिलकर तैयार किया है। इससे पहले मार्च महीने में लिली कंपनी सेल्‍लेरा के साथ एंटीबॉडी से कोरोना वायरस के खात्‍मे के लिए दवा तैयार करने का करार किया था। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि पहले चरण के अध्‍ययन में दवा की सेफ्टी और उसे हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के सहन करने की क्षमता का पता लगाया जाएगा।

Spain Corona

कंपनी ने कहा कि अगर ट्रायल सफल रहा तो जल्‍द ही बाजार में उतार दिया जाएगा। कंपनी ने कोरोना से ठीक हो चुके मरीज से ब्‍लड सेंपल लेने के मात्र तीन महीने के अंदर इस दवा को तैयार किया है। LY-CoV555 पहली ऐसी दवा है जिसे कोरोना वायरस के खात्‍मे के लिए डिजाइन किया गया है। इस दवा के जरिए कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन की संरचना को निष्क्रिय किया जा सकता है।

कोरोना वायरस स्वस्थ कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाएगा

LY-CoV555 दवा से कोरोना वायरस शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाएगा और ना ही नुकसान पहुंचा पाएगा। कंपनी ने बताया कि अमेरिका में कोरोना वायरस से ठीक हुए पहले मरीज के खून के नमूने से एंटीबॉडी ली गई थी। मरीज को फेफड़ों से जुड़ी तकलीफ थी। उसी के आधार पर एंटीबॉडी से दवा को तैयार किया गया है।

कंपनी को उम्मीद है कि इस दवा के जरिए कोरोना से बीमार लोगों का प्रभावी इलाज हो सकेगा। इस दौरान अध्ययन में पता चला है कि दवा से कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन और उसकी सतह पर बुरा असर पड़ता है। बता दें कि कोरोना वायरस से अब तक दुनिया में 3,88,256 लोग मारे गए हैं और 65,86,149 लोग संक्रमित हैं। अमेरिका कोरोना वायरस महामारी का सबसे बड़ा गढ़ा बना हुआ है। यहां अब तक एक लाख से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में कोरोना ने कहर मचा रखा है। ब्राजील में 32,568 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो गई है।