नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने अपनी नाकामी को छुपाने के लिए भारत पर ही इशारों-इशारों में आरोप लगाना शुरू कर दिया है। बुधवार को यूनुस ने राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय एकता का आह्वान करते हुए कहा कि ‘‘बड़े देशों की भागीदारी वाले अभियान’’ के जरिए बांग्लादेश को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर भारत का नाम नहीं लिया।
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Mohammed Anus, I mean Yunus is playing a nefarious game to cover up the atrocities of Hindus in Bangladesh. I was able to speak with a few Bangladeshi Hindus now and got to know what kind of game he’s trying to play.
Islamists are threatening Hindu university… pic.twitter.com/jkqkqwpI0a
— Mr. Nationalist (@MrNationalistJJ) December 4, 2024
यूनुस ने साधा भारत पर निशाना
सूत्रों के मुताबिक, यूनुस ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में तीन मुख्य मुद्दों पर चर्चा की। इनमें पहला आरोप यह था कि भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में बांग्लादेश के खिलाफ ‘‘दुष्प्रचार’’ चलाया जा रहा है। दूसरा, अगरतला में बांग्लादेश मिशन पर हुए हमले का मामला और तीसरा, अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर बांग्लादेश को जिम्मेदार ठहराया जाना।
shocking news‼️Hindus have been attacked again in Bangladesh. Jihadis attacked and looted 150 Hindu houses and shops in Sunamganj’s Doarabazar alleging insult to false religion. They also destroyed 30 Hindu temples there. #SaveBangladeshiHindus #AllEyesOnBangladeshiHindus pic.twitter.com/5TJh5z733w
— Adi yogi (@hinduadiyogi) December 4, 2024
यूनुस ने यह भी कहा कि शेख हसीना सरकार को हटाने के पीछे ‘‘खतरनाक’’ वजहों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है। उनका कहना था कि जुलाई-अगस्त में हुए विद्रोह को नापसंद करने वाले लोग देश और विदेश में बांग्लादेश की छवि खराब कर रहे हैं।
‘‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’’ का दावा
यूनुस ने दावा किया कि ‘‘नए बांग्लादेश’’ के खिलाफ चलाया जा रहा यह अभियान अब केवल घरेलू स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें बड़े देशों की भूमिका भी शामिल हो गई है। उन्होंने राजनीतिक दलों से कहा, ‘‘हमें पूरी दुनिया को बताना होगा कि हम एक हैं। यह हमारे अस्तित्व का मुद्दा बन चुका है।’’
तनाव के बीच भारत-बांग्लादेश संबंध
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब भारत के विदेश सचिव के अगले सप्ताह ढाका दौरे की संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चर्चा हो सकती है।