काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा कराने के लिए पाकिस्तान लगातार जुटा रहा। तालिबान को पाकिस्तान ने अपने यहां शरण भी दी। अब वही तालिबान, पाकिस्तान के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है। तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच लंबे समय से सीमा को लेकर सशस्त्र संघर्ष चल रहा है। अब तालिबान का कहना है कि उसे पाकिस्तान से खतरा है। अफगानिस्तान में सरकार चला रहे तालिबान के एक आंतरिक ज्ञापन का हवाला देते हुए वहां की मीडिया ने ये जानकारी दी है। तालिबान के इस आंतरिक ज्ञापन में बताया गया है कि पाकिस्तान के कबायली इलाके में इस्लामिक स्टेट खुरासान यानी आईएसकेपी का प्रशिक्षण शिविर है। यहां बड़ी तादाद में आतंकियों का जमावड़ा है। बता दें कि आईएसकेपी ही अफगानिस्तान में लगातार बड़े आतंकी हमले करता रहा है।
खास बात ये है कि साल 2002 से 2021 तक तालिबान को पाकिस्तान ने अपने यहां जगह दी थी। अब तालिबान कह रहा है कि अफगानिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान आईएसकेपी के आतंकियों की मदद कर रहा है। तालिबान के आंतरिक ज्ञापन के मुताबिक पाकिस्तान के लोग प्रांत में आईएसकेपी का प्रशिक्षण शिविर है। पाकिस्तान से पहले ही तालिबान के रिश्ते लगातार खटास भरे होते जा रहे हैं। इसके बीच, अब आईएसकेपी के प्रशिक्षण केंद्र की बात कहकर तालिबान ने पाकिस्तान को घेरने की तैयारी की है।
खास बात ये भी ही कि अफगानिस्तान के तालिबान ने पाकिस्तान में लगातार कहर बरपा रहे तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) को भी समर्थन दे रखा है। इससे पहले पाकिस्तान बहुत खुश हुआ था, जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। अगस्त 2021 में जब तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा हुआ, तो उस वक्त पाकिस्तान के पीएम रहे इमरान खान ने ये तक कहा था कि तालिबान ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ दिया है। अब उसी तालिबान से पाकिस्तान के रिश्ते इतने खराब हो चुके हैं कि तालिबान अब पाकिस्तान से खुद को खतरा बताने लगा है।