नई दिल्ली।…तो वो अब गुजरे की जमाने की बात हो गई, जब कहा जाता था कि राजनीति तो वरिष्ठ व वयोवृद्ध लोगों का काम है। पिछले कुछ दिनों से कई देशों में कई युवा राजनेता इस धाराणा को सिरे से खारिज कर रहे हैं, जिसमें ग्रैबियल अटल, जो महज 34 साल की उम्र में फ्रांस के प्रधानमंत्री के कुर्सी पर काबिज हुए हैं, ने अहम भूमिका निभाई है। इससे पहले वो शिक्षा मंत्री की कुर्सी पर विराजमान थे। शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने कई ऐसे आमूलचूल फैसले लिए थे। उधर, ग्रैबियल को प्रधानमंत्री बनाकर फ्रांस के राष्ट्रपति ने गर्मियों में होने वाले यूरोपीय संघ के चुनाव से पहले अपने लिए नया रास्ता तैयार किया है।
JUST IN: Gabriel Attal, 34, is the new Prime Minister of France. He becomes the youngest-ever PM in the country’s history. pic.twitter.com/ON8YlfOdUO
— The New Times (Rwanda) (@NewTimesRwanda) January 9, 2024
ग्रैबियल पहले समलैंगिक नेता हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही वो सर्वाधिक फ्रांस के सर्वाधिक कम उम्र के प्रधानमंत्री भी हैं, जिन्हें इस पद की जिम्मेदारी दी गई है। ग्रैबियल ने शिक्षा मंत्री रहते हुए कई ऐसे बयान दिए थे, जो कि खासा सुर्खियों में रहे थे। शिक्षा मंत्री रहते हुए ग्रैबियल ने मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की भी बात कही थी, जिसे लेकर चौतरफा विवाद भी देखने को मिला था।
फ्रांस के पहले GAY प्रधानमंत्री बने गेब्रियल अटलhttps://t.co/aLzEZ5Qb9n#France #gay #GAYPM #GabrielAtal
— HitTV Hindi (@Hit_hindishorts) January 9, 2024
कई लोगों ने उनके बयान पर कड़ा ऐतराज जताया था। फ्रांस में ग्रैबियल के प्रशंसकों की संख्या कम नहीं है। उन्हें चाहने वाले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए इमैनुएल ने उन पर यह दांव लगाया है। सियासी विश्लेषकों की मानें तो इमैनुएल का यह दांव सफल साबित होगा। वहीं, ग्रैबियल के पद ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने ग्रैबियल को उनकी नई पारी पर बधाई भी दी। बहरहाल, अब बतौर प्रधानमंत्री उनकी भूमिका कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।