नई दिल्ली। कंगाली की मार झेल रहा पाकिस्तान अब अपने लोगों को भरपेट खाना खिला पाने में भी सक्षम नहीं नजर आ रहा है। बता दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में 40 फीसदी ऐसे लोग हैं, जिन्हें भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा। बता दें कि ये रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा उसे ग्रे लिस्ट में रखे जाने का फैसला किया गया है। बता दें कि पाकिस्तान 2008 से ग्रे लिस्ट में बना हुआ है। हालांकि उसने इस लिस्ट से बाहर आने के लिए काफी हाथ-पैर दिखाने के लिए चलाए लेकिन ग्रे लिस्ट से बाहर निकल पाने में वो सफल नहीं हो सका। इस वजह से पाकिस्तान को फंड मिलने में भी मुश्किल होती है। ऐसे में पाक की सरकार अपने आवाम को बुनियादी सेवाएं भी नहीं दे पाती। वहीं इस हालात से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आखिरकार कबूल किया है कि पाक की 40 प्रतिशत जनसंख्या को भरपेट खाना नहीं मिल पाता है।
इसके अलावा इमरान का मानना है कि कुपोषण की वजह से 40 प्रतिशत बच्चों का सही मानसिक और शारिरिक विकास नहीं हो रहा है। यह बात इमरान खान ने गुरुवार को इस्लामाबाद में किसानों से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान कही। इमरान खान ने कहा कि, पाकिस्तान को खाने की जरूरत को पूरा करने के लिए अधिक मात्रा में गेहूं का आयात विदेशों से करना पड़ रहा है जिसके चलते पाक का विदेशी मुद्रा भंडार भी कम होता जा रहा है।
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान में बच्चों को पौष्टिक आहार मिलने में दिक्कत हो रही है। इसके अलावा यहां के 40 प्रतिशत बच्चों का सही तरीके से न तो मानसिक विकास हो रहा है और न ही शारीरिक।
किसानों से पाक पीएम ने कहा कि, अगर आपके देश (पाकिस्तान) की 15-40 प्रतिशत जनसंख्या भूखी है तो लोग देश को चलने नहीं देंगे। इमरान खान ने इजरायल और चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह इन देशों ने अपनी यहां गरीबी को दूर कर मजबूत बनाया वैसे ही वे भी पाकिस्तान की गरीबी तो दूर करने का प्रयास करेंगे।