नई दिल्ली। यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नई परमाणु नीति पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। पुतिन का यह फैसला अमेरिका और यूक्रेन को इस बात का जवाब माना जा रहा है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस पर लंबी दूरी की मिसाइल से हमला करने की मंजूरी दे दी है। वहीं अमेरिकी की मंजूरी के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि हमले से पहले कोई चेतावनी नहीं दी जाएगी। शब्दों से वार नहीं किए जाते, रॉकेट बोलेंगे। इसी के बाद पुतिन ने भी अपने तेवर दिखाते हुए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल संबंधी नीति में बदलाव किया है।
पहले ही ऐसा माना जा रहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के इस फैसले के बाद न सिर्फ रूस और यूक्रेन बल्कि रूस और अमेरिका के बीच भी तनाव बढ़ जाएगा। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने रिपोर्ट के मुताबिक रूस की परमाणु हथियारों संबंधी नई नीति में कहा गया है कि अगर रूस या उसके सहयोगियों को लक्ष्य करके बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया जाता है तो रूस अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। नई परमाणु नीति के अनुसार, अगर रूस पर हमले के लिए अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल होता है तो पूरे नाटो गठबंधन को इसका जिम्मेदार माना जाएगा।
इस बारे में जानकारी देते हुए क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, कि रूस के पुराने सिद्धांतों में मौजूदा हालात के अनुरूप बदलाव करना बहुत ही जरूरी हो गया था इसीलिए राष्ट्रपति पुतिन ने यह बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आपको बता दें कि पुतिन ने इससे पहले भी सख्त और साफ लहजे में अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर अमेरिका यूक्रेन को रूस के खिलाफ अपने हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति देता है तो उससे तनाव तो बढ़ेगा ही साथ ही इसे सीधे संघर्ष के तौर पर देखा जाएगा।