newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Discrimination: ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया स्टेट में स्वास्तिका को बैन करने की तैयारी, हिंदुओं ने जताया विरोध

Discrimination: हिंदू खास मौकों और पूजा के वक्त स्वस्तिका चिन्ह का इस्तेमाल करते हैं। इस चिन्ह को ईश्वर का प्रतीक माना जाता है।

कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया में पहले हिंदू बच्चे को तुलसी की माला पहनकर फुटबॉल खेलने से रोका गया। अब वहां के विक्टोरिया स्टेट में हिंदुओं के पवित्र चिन्ह यानी स्वस्तिका पर बैन लगने की नौबत आ गई है। विक्टोरिया स्टेट के प्रशासन ने तय किया है कि अगले साल यानी 2022 की शुरुआत में नाजी जर्मनी यानी हिटलर के दौर के वक्त के सभी प्रतीकों पर रोक लगाई जाएगी। हिटलर के दौर में नाजी जर्मनी में सेना के अफसरों को हुक्ड क्रॉस दिया जाता था। यही हुक्ड क्रॉस नाजी पार्टी का भी चिन्ह था। विक्टोरिया स्टेट के प्रशासन का कहना है कि हिंदुओं का पवित्र स्वस्तिका चिन्ह भी नाजी चिन्ह है। ऐसे में इस पर रोक लगाने का फैसला लिया जा सकता है। विक्टोरिया स्टेट के इस फैसले से यहां रहने वाले हिंदुओं में नाराजगी है। उन्होंने प्रशासन से कहा है कि स्वस्तिका कोई नाजी प्रतीक चिन्ह नहीं है और इसे किसी सूरत में बैन करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बता दें कि हिंदू खास मौकों और पूजा के वक्त स्वस्तिका चिन्ह का इस्तेमाल करते हैं। नया मकान हो या गाड़ी, पुजारी इनमें स्वस्तिका का चिन्ह बनाते हैं। इस चिन्ह को ईश्वर का प्रतीक माना जाता है। यह सभी को ठीक रखने और समभाव का भी प्रतीक है। बावजूद इसके विक्टोरिया स्टेट में इसे नाजियों का प्रतीक चिन्ह बताकर बैन लगाने की कोशिश की जा रही है।

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में ही एक हिंदू बच्चे को रेफरी ने इसलिए फुटबॉल मैच खेलने से रोक दिया था, क्योंकि उसने तुलसी की माला पहन रखी थी। रेफरी ने बच्चे से माला उतारकर मैच खेलने के लिए कहा। इस पर उसने साफ कह दिया था कि माला उतारने से बेहतर वह मैच में न खेलना समझता है। इस बच्चे ने कहा था कि वह अपने धर्म का साथ नहीं छोड़ सकता। इस घटना के तूल पकड़ने के बाद फुटबॉल के नियंत्रक ने फैसला सुनाया कि हिंदू अपने धार्मिक प्रतीक चिन्हों को पहनकर मैच खेल सकते हैं।