newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

India-China Clash: भारत में बढ़ी चीन की साइबर घुसपैठ!, सुरक्षा संबंधी जानकारी के लिए लद्दाख के पावर ग्रिड को बना रहा निशाना

India China Clash: चीन ने एक बार फिर भारत की सुरक्षा में सेंधमारी की है। इस बार चीनी हैकरों ने हाल के महीनों में एक साइबर जासूसी अभियान के रूप में लद्दाख के पास भारत में बिजली क्षेत्र को निशाना बनाया है। पावर ग्रिड के जरिए चीन भारत की जरूरी जानाकारी हासिल करना चाहता है।

नई दिल्ली। चीन ने एक बार फिर भारत की सुरक्षा में सेंधमारी की है। इस बार चीनी हैकरों ने हाल के महीनों में एक साइबर जासूसी अभियान के रूप में लद्दाख के पास भारत में बिजली क्षेत्र को निशाना बनाया है। पावर ग्रिड के जरिए चीन भारत की जरूरी जानाकारी हासिल करना चाहता है। अमेरिका के मैसाचुसेट्स की निजी खुफिया फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार हैकर्स ने उत्तरी भारत के कम से कम सात लोड डिस्पैच सेंटर्स को अपना निशाना बनाया है। अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन के हैकर्स ने कम से कम 7 इंडियन स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDCs) को निशाना बनाया। ये सेंटर्स लद्दाख में भारत-चीन सीमा के पास मौजूद इलाकों में ग्रिड कंट्रोल और रियल टाइम पावर डिस्ट्रिब्यूशन का काम करते हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी हैकर्स पिछले 18 महीनों से स्टेट और रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर्स को लगातार टारगेट कर रहे हैं। पहले RedEcho नाम के ग्रुप ने हैकिंग की कोशिश की और उसके बाद TAG-38 ग्रुप का नाम सामने आया है। यह वही सॉफ्टवेयर है, जिसे पहले चीन की PLA और मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी यूज किया करती थी। इससे साफ है कि भारत में चीन प्रायोजित खतरे लंबे समय से एक्टिव हैं। गौरतलब है कि रिकॉर्डेड फ्यूचर ने ही मुंबई में 12 अक्टूबर 2020 में हुए 12 घंटे के ब्लैकआउट के पीछे चीनी हैकर्स का हाथ होने का खुलासा किया था। बताया जा रहा है कि अब तक चीनी हैकर्स ने भारत में बिजली सप्लाई को ही ज्यादा टारगेट किया है। उनका मकसद देश के इंटरनल सिस्टम को डिस्टर्ब पैदा करना है।

रिपोर्ट के मुताबिक पावर ग्रिड्स को निशाना बनाकर चीनी सरकार बॉर्डर पर भारत के जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर्स के बारे में जानकारी को हासिल करना चाहती है, ताकि उसे आगे की रणनीति का आसानी से पता लग सके। बता दें कि, इस पूरे मामले में चीन की तरफ से अभी कोई बयान जारी नहीं किया गया है। वहीं, भारत की तरफ से भी अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।