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S Jaishankar Landed In Pakistan: पाकिस्तान पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, एससीओ समिट में लेंगे हिस्सा, नहीं होगी कोई भी द्विपक्षीय वार्ता

S Jaishankar Landed In Pakistan: एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच किसी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय और पाकिस्तान की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच कोई विशेष बैठक नहीं होगी।

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पाकिस्तान पहुंचे हैं, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शासनाध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में शामिल होंगे। यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 9 साल में पहली बार किसी भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा हो रही है। इससे पहले, 2015 में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। जयशंकर का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं। हालांकि, विदेश मंत्री ने हाल ही में कहा था कि भारत, पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहता है, लेकिन यह सीमापार आतंकवाद को नजरअंदाज करके संभव नहीं हो सकता। इस बयान ने साफ किया कि दोनों देशों के बीच वार्ता के लिए आतंकवाद का मुद्दा महत्वपूर्ण बना रहेगा।

द्विपक्षीय वार्ता नहीं

एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच किसी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय और पाकिस्तान की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच कोई विशेष बैठक नहीं होगी।

एससीओ समिट की शुरुआत

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एससीओ शिखर सम्मेलन की शुरुआत के लिए एक डिनर का आयोजन करेंगे, जिसमें सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिट क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जिसमें सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

एससीओ समिट के दौरान इस्लामाबाद में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। विदेशी प्रतिनिधिमंडल के ठहरने के स्थानों पर सेना, खुफिया एजेंसियों, फ्रंटियर कोर (एफसी) और रेंजर्स की भारी तैनाती की गई है, ताकि सुरक्षा में किसी तरह की कमी न हो। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता भेजा था, लेकिन इस बार की यात्रा में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री जयशंकर कर रहे हैं।