इस्लामाबाद। पूर्व पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के लाहौर से इस्लामाबाद मार्च के एलान ने देश के सत्ता प्रतिष्ठान में हड़कंप वाली स्थिति पैदा कर दी है। हालात कितने नाजुक हैं, ये इसी से पता चलता है कि सरकार ने राजधानी इस्लामाबाद के रेड जोन में सेना की तैनाती के आदेश जारी किए हैं। सेना से कहा गया है कि राष्ट्रपति भवन, संसद और सुप्रीम कोर्ट समेत तमाम संवैधानिक संस्थानों की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर जवानों की तैनाती की जाए। उधर, खबर है कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पीएम शहबाज शरीफ को सलाह दी है कि इस्लामाबाद में इमरान खान को रैली करने की मंजूरी दी जाए।
सत्ता गंवाने के बाद से ही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ PTI के अध्यक्ष इमरान खान ने पीएमएल-एन, पीपीपी और अन्य दलों की मिली जुली सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रखा है। कराची, लाहौर और कई अन्य जगह वो बड़ी रैलियां कर चुके हैं। इमरान खान ने कहा है कि उनकी सत्ता को गलत तरीके से खत्म कर विपक्ष ने विदेशी मदद से सत्ता हासिल की। उन्होंने एलान किया है कि जब तक पीएम पद से शहबाज शरीफ को हटा नहीं देते, उनका ये अभियान जारी रहेगा। बता दें कि शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज शरीफ भी पीएम थे और इमरान खान ने लगातार आरोप लगाया कि नवाज शरीफ ने जमकर देश को लूटा है। इस मामले में उनकी सरकार ने नवाज को गिरफ्तार भी कराया था, लेकिन शरीफ बीमार होकर इलाज के लिए लंदन चले गए और अब तक नहीं लौटे हैं।
इमरान खान ने संसद में अपनी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बड़ा आरोप लगाया था कि नवाज शरीफ ने अमेरिका की मदद से उन्हें सत्ता से हटाने का प्लान तैयार किया है। इमरान ने सत्ता बचाने के लिए सेना का सहारा लेने की भी कोशिश की थी, लेकिन सेना ने उस वक्त कह दिया कि उसका देश की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद संसद में इमरान की पार्टी के सांसद गैरमौजूद हो गए और विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट पड़ा। जिसके बाद शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का पीएम बनाया गया था।