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पाकिस्तान की उम्मीदों पर मुस्लिम देशों ने ही फेर दिया ‘पानी’, भारत के लिए है ये अच्छी खबर

OIC Meeting: पाकिस्तान(Pakistan) हमेशा से कश्मीर(Kashmir) मुद्दे को मुस्लिमों की आजादी से जोड़ता रहा है, इस बात को वो अक्सर ओआईसी में उठाता रहा है, फिलहाल उसे अभी तक इस मुद्दे पर कोई भाव नहीं मिला है।

नई दिल्ली। पाकिस्तान हर समय इस आस में बैठा रहता है कि कब वो कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत को पटखनी दे लेकिन उसको हर मुकाम पर फजीहत झेलनी पड़ती है। अब एकबार फिर से पाकिस्तान को किरकिरी झेलनी पड़ी है और इस बार पटखनी किसी और ने नहीं बल्कि मुस्लिम देशों के संगठन ने दी है। गौरतलब है पाकिस्तान अक्सर मुस्लिम देशों के संगठन से आस लगाए रहता है कि वो भारत के खिलाफ उसका साथ देंगे। पाकिस्तान समझता है कि कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम देशों का संगठन भारत के खिलाफ बोलेगा लेकिन इस बार पाक को करारा झटका लगा है। दरअसल इस्लामिक देशों के संगठन की एक बैठक हुई जिसमें पाक की मंशा के खिलाफ कश्मीर का मुद्दा ही शामिल नहीं किया गया। बता दें कि यह बैठक ओआईसी में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों की थी। वहीं पाकिस्तान को उम्मीद थी कि ओआईसी में कश्मीर का मसला जरूर उठेगा लेकिन इसमें कश्मीर मुद्दे पर बात नहीं हुई।

Imran Khan

हालांकि इस किरकिरी के बाद भी पाकिस्तान अपनी बात पर अड़ा हुआ है, और अपना चेहरा बचाने के लिए लीपा-पोती करने की कोशिश कर रहा है। आपको बता दें कि ओआईसी ने अंग्रेजी और अरबी दोनों भाषा में बयान जारी किया है। शुक्रवार को यह बयान ओआईसी की काउंसिल ऑफ फॉरन मिनिस्टर्स (CFM) की नाइजर की राजधानी नायमी में होने वाली बैठक के लिए है। इसमें किसी भी एजेंडा के रूप में कश्मीर का जिक्र नहीं किया गया है। सऊदी अरब सीएफएम की बैठक का नेतृत्व कर रहा है।

इसको लेकर पाकिस्तान में प्रमुख अखबार डॉन ने लिखा है कि जब पाकिस्तान के संबंध सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से बेहद खराब चल रहे हैं, इन सबके बीच इस बार कश्मीर ओआईसी के एजेंडे से बाहर है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालया के प्रवक्ता ने सवालों के बीच कहा है कि कश्मीर ओआईसी का स्थायी मुद्दा है। कश्मीर को लेकर उन्होंने कहा कि कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद सीएफएम (काउंसिल ऑफ फॉरेन मिनिस्टर) की यह पहली बैठक है। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इस बार सीएफएम की बैठक में कश्मीर पर भारी समर्थन मिलेगा।

OIC

बता दें कि पाकिस्तान हमेशा से कश्मीर मुद्दे को मुस्लिमों की आजादी से जोड़ता रहा है, इस बात को वो अक्सर ओआईसी में उठाता रहा है, फिलहाल उसे अभी तक इस मुद्दे पर कोई भाव नहीं मिला है। वहीं भारत सऊदी के रिश्ते अब और मजबूत होते गए। यहां तक कि यूएई ने पाकिस्तानियों को नया वीजा देने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे को लेकर कहा है कि, मैं बैठक में कश्मीर मुद्दे और इस्लामोफोबिया के मुद्दे पर फोकस रखूंगा। हम मुस्लिम देशों की तमाम चुनौतियों और समस्याओं को उठाएंगे। कुरैशी बैठक के दौरान इस्लामिक देशों के समकक्षों के साथ भी मुलाकात करेंगे।