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PFI Ban: PFI पर मोदी सरकार ने लगाया बैन से तो बौखलाया पाकिस्तान, UN को बीच में लाने की कोशिश

PFI Ban: बता दें पीएफआई के कल आखिरी ट्वीट में जिसमें देशभर में अलग-अलग राज्यों में  छापेमारी हुई थी। उसको लेकर पीएफआई ने ट्वीट किया था। उसी ट्वीट में पाकिस्तानी उच्चायोग ने ह्ययूमन राइटस कमीशन, यूएन जिनेवा समेत अलग-अलग इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन को टैग किया है। जिसने साफ तरह से स्पष्ट कर दिया है कि वो पीएफआई का बचाव कर रही है।

नई दिल्ली। कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर आज सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। कई दिनों तक छापेमारी और गिरफ्तारी के बाद बुधवार को सरकार ने पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है। वहीं पीएफआई पर बैन लगाने जाने के बाद देश में सियासत भी गर्मा गई है। विपक्ष केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करने की जगह सवालिया निशाना उठा रही है। इतना ही नहीं पीएफआई के बैन करने से तिलमिलाए कुछ विपक्षी पार्टियां हिंदू संगठन को बैन करने की मांग कर रही है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद, कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ, समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क  और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी समेत कई नेताओं ने पीएफआई पर बैन लगाए जाने का विरोध किया है। इसी बीच अब PFI पर बैन लगाए जाने पर पाकिस्तान (Pakistan) की बौखलाहट देखने को मिली है। पाकिस्तान ने पीएफआई के बैन लगाने जाने पर संयुक्त राष्ट्र को बीच में लाने की कोशिश कर रहा है।

पाकिस्तान कॉन्सुलेट वैंकुवर के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए पीएफआई का बचाव किया है। बता दें पीएफआई के कल आखिरी ट्वीट में जिसमें देशभर में अलग-अलग राज्यों में  छापेमारी हुई थी। उसको लेकर पीएफआई ने ट्वीट किया था। उसी ट्वीट में पाकिस्तानी उच्चायोग ने ह्ययूमन राइटस कमीशन, यूएन जिनेवा समेत अलग-अलग इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन को टैग किया है। जिसने साफ तरह से स्पष्ट कर दिया है कि वो पीएफआई का बचाव कर रही है।

इस ट्वीट के जरिए साफ हो जाता है कि पीएफआई को पाकिस्तान और दूसरी गल्फ कंट्री से फंडिंग हो रही थी। ईडी ने भी अपनी जांच में ये बात कही थी कि पीएफआई के जो बैंक अकाउंट उनमें पिछले कुछ सालों के अंदर करीब 120 करोड़ रुपये आए है और ये पैसा पाकिस्तान, दूसरे देशों से डाला जाता था। हैरान करने वाली बात ये है कि पैसा बैंक अकाउंट में कैश में डाला जाता था। जिससे इस बात को इस्टैबलिश्ड करना मुश्किल हो जाए कि बाहर पैसा कौन और कैसे पीएफआई को पैसा पहुंचा रहा है और उसी पैसों का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए हो रहा था।