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Atrocity By Trudeau: भारत को दी थी लोकतंत्र की नसीहत, अब कनाडा के पीएम ने अपने यहां प्रदर्शनकारियों को घोड़ों से कुचला

भारत में जब किसान आंदोलन चल रहा था, तो कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने मोदी सरकार को लोकतंत्र की नसीहत दी थी, लेकिन जब अपने पर बात आई, तो वो प्रदर्शनकारियों पर हैवानियत कर रहे हैं। जी हां। कनाडा में काफी दिनों से चल रहे ट्रक ड्राइवरों और आम लोगों के प्रदर्शन पर ट्रूडो सरकार ने हैवानियत का प्रदर्शन किया है।

ओटावा। भारत में जब किसान आंदोलन चल रहा था, तो कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने मोदी सरकार को लोकतंत्र की नसीहत दी थी, लेकिन जब अपने पर बात आई, तो वो प्रदर्शनकारियों पर हैवानियत कर रहे हैं। जी हां। कनाडा में काफी दिनों से चल रहे ट्रक ड्राइवरों और आम लोगों के प्रदर्शन पर ट्रूडो सरकार ने हैवानियत का प्रदर्शन किया है। ट्रूडो ने बीते दिनों कनाडा में आंदोलन खत्म कराने के लिए इमरजेंसी एक्ट लगाया था। इस एक्ट के तहत पुलिस और सुरक्षाबलों को व्यापक अधिकार दिए गए थे। इन्हीं अधिकारों के दम पर वहां की पुलिस ने राजधानी ओटावा में प्रदर्शनकारियों को घोड़ों की टाप के नीचे कल कुचला।

canada truck

कनाडा में वैक्सीन को जरूरी करने और तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में बीते करीब 3 हफ्ते से प्रदर्शन हो रहे हैं। ट्रक ड्राइवरों ने राजधानी ओटावा समेत तमाम शहरों में जाम लगा दिया है। ट्रूडो को इन प्रदर्शनकारियों की वजह से अपने घर को छोड़कर पलायन भी करना पड़ा था। अब इमरजेंसी एक्ट लगाने के बाद उन्होंने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बख्तरबंद वाहन और घुड़सवार पुलिस को इनपर छोड़ दिया। पुलिस ने भी आव देखा न ताव, प्रदर्शनकारियों पर घोड़े दौड़ा दिए। पुलिस ने 100 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है। इसके बाद भी वहां प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं और शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे हैं।

Justin Trudeau

मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों पर ट्रूडो की पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और मिर्च पाउडर का स्प्रे भी किया। सड़क जाम कर रहे कुछ ट्रकों को हटाया भी गया। ट्रक ड्राइवरों के नेता पैट किंग को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने ओटावा में 100 चौकियां बनाई हैं। वहां वाहनों की चेकिंग भी की जा रही है। इस आंदोलन को करने वालों पर कुछ विशेषज्ञों ने अमेरिकी के राइटविंग से समर्थन लेने का आरोप भी लगाया है। इस बीच, लगातार प्रदर्शन होने से क्यूबेक के तीन कॉलेज दीवालिया हो गए। इससे इनमें पढ़ने वाले करीब 2000 भारतीय छात्रों की किस्मत दांव पर लग गई है। ये हैं मॉन्ट्रियल का एम कॉलेज, शेरब्रुक का सीडीई कॉलेज और लॉन्ग्यूइल का सीसीएसक्यू कॉलेज।