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Massacre: म्यांमार में सेना का गांववालों पर तांडव, फायरिंग में बच्चों और महिलाओं समेत 30 की मौत

करेनी ह्यूमन राइट्स ग्रुप के मुताबिक सेना के जवान गांव में पहुंचे और तलाशी अभियान शुरू किया। इसके बाद उन्होंने लोगों को बाहर निकाला और फिर गोलियों से भून दिया। पिछले दिनों भी म्यांमार की सेना ने एक गांव पर धावा बोला था और तमाम लोगों की हत्या कर दी थी।

नेपीटाव। म्यांमार में सत्तारूढ़ सेना ने एक बार फिर नरसंहार किया है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और मीडिया के मुताबिक म्यांमार की सेना ने काया प्रांत के मो सो गांव में बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इससे 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। मो सो गांव ह्प्रुसो शहर के पास है। करेनी ह्यूमन राइट्स ग्रुप के मुताबिक सेना के जवान गांव में पहुंचे और तलाशी अभियान शुरू किया। इसके बाद उन्होंने लोगों को बाहर निकाला और फिर गोलियों से भून दिया। पिछले दिनों भी म्यांमार की सेना ने एक गांव पर धावा बोला था और तमाम लोगों की हत्या कर दी थी। म्यांमार की सैन्य सरकार पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने तमाम प्रतिबंध लगा रखे हैं, लेकिन वहां की सैनिक सरकार रोहिंग्या आतंकियों के नाम पर लगातार हत्याएं कर रही हैं।

भारत ने पड़ोसी म्यांमार में लगातार ग्रामीणों की हत्या पर चिंता जताई है। भारत ने सभी पक्षों से हिंसा बंद करने की अपील की है। म्यांमार में हिंसा होने से वहां के लोग भारत में आकर भी शरण लेने लगते हैं। इसकी वजह से तमाम समस्याएं होती हैं। भारत और म्यांमार के बीच खुली सीमा है और दोनों देशों के लोग बिना पासपोर्ट या वीजा के महज पहचान के दस्तावेज दिखाकर एक-दूसरे के यहां 15 किलोमीटर तक आ-जा सकते हैं। इससे पलायन कर भारत में प्रवेश करने और यहां लंबे समय तक टिके रहने में म्यांमार के शरणार्थियों को आसानी होती है। ये लोग ज्यादातर मणिपुर, मिजोरम में आकर बसने लगते हैं और फिर एक समय के बाद स्थानीय निवासियों और शरणार्थियों के बीच संघर्ष भी शुरू हो जाते हैं।

Rohingya Musalman

 

कुछ साल पहले म्यांमार की सेना ने अपने यहां के रोहिंग्या लोगों का नरसंहार किया था। इसके बाद लाखों रोहिंग्या बांग्लादेश और फिर वहां से भारत आ गए थे। जम्मू और दिल्ली समेत तमाम जगह रोहिंग्या अवैध तरीके से रह रहे हैं। केंद्र सरकार ने म्यांमार से इन्हें वापस लेने के लिए कहा है, लेकिन वहां की सैनिक सरकार इस ओर से आंखें मूंदे हुए है। बांग्लादेश में भी लाखों की तादाद में रोहिंग्या रह रहे हैं। इससे वहां की सरकार भी परेशान है। बता दें कि म्यांमार की सेना ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर चुनी हुई सरकार को हटाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया था।