वॉशिंगटन। अमेरिका की नामचीन नेताओं में शुमार और दक्षिण कैरोलिना राज्य की पूर्व गवर्नर निक्की हेली ने एच1बी वीजा को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसे अगर डोनाल्ड ट्रंप लागू करते हैं, तो भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरी पाना मुश्किल हो सकता है। निक्की हेली ने एच1बी वीजा के बारे में अमेरिका में जारी बहस के बीच कहा है कि दक्षिण कैरोलिना में जब वो गवर्नर थीं, तब विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित किया था। उन्होंने विदेशी श्रमिकों को आकर्षित नहीं किया था। निक्की हेली का कहना है कि इस फैसले की वजह से अमेरिका के दक्षिण कैरोलिना राज्य में बेरोजगारी की दर 11 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो गई थी।
निक्की हेली ने कहा कि उनके गवर्नर रहते दक्षिण कैरोलिना के लोगों को रोजगार पाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। जिसकी वजह से अमेरिका के इस राज्य में कार और विमान भी बन रहे हैं। निक्की हेली ने कहा कि अगर तकनीकी क्षेत्र के उद्योगों को कर्मचारियों की जरूरत है, तो उनको अमेरिका की शिक्षा प्रणाली में निवेश करना चाहिए। दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर ने कहा कि पहले अमेरिका के लोगों से निवेश कराना चाहिए। इसके बाद कहीं और देखना चाहिए। निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका के लोगों की प्रतिभा और आत्मा को हल्के में लेने की जरूरत नहीं है। बता दें कि अमेरिका के अरबपति और डोजे विभाग देखने जा रहे एलन मस्क, रिपब्लिकन पार्टी के नेता विवेक रामास्वामी और एआई पर सलाहकार बनाए गए श्रीराम कृष्णन एच1बी वीजा की तादाद बढ़ाए जाने पर अपनी राय रख चुके हैं। ये सभी एक तरह से एच1बी वीजा का पक्ष ले रहे हैं।
अमेरिका में एच1बी वीजा के तहत सबसे ज्यादा टेक कर्मचारी काम करते हैं। इनमें बहुत बड़ी संख्या भारतीय मूल के युवाओं की है। चीन के युवा भी एच1बी वीजा के तहत अमेरिका आकर काम करते हैं। जबकि, लगातार अमेरिका में ये बहस होती रही है कि अन्य देशों के कामगार आने से अमेरिकी युवाओं को ही नौकरी नहीं मिल रही और देश में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है। अब अगर निक्की हेली की बात पर डोनाल्ड ट्रंप ने गौर किया और राष्ट्रपति पद संभालने पर एच1बी वीजा कटौती की, तो इससे भारत के युवाओं के लिए भी अमेरिका में नौकरी पाने में संकट खड़ा होने के आसार बनेंगे।