नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना महामारी से निपटते हुए कई देशों में अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सुधरती जा रही है, लेकिन चीन इससे अभी भी जूझ रहा है। यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था है, लेकिन बेरोजगारी दरें विकट रूप से बढ़ रही हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, चीन में बेरोजगारी दरें 20.8% तक पहुंच गई हैं। इससे पहले अप्रैल में यह दर 20.4% थी। सबसे चिंताजनक बात यह है कि युवाओं के लिए न तो रोजगार की स्थिति अच्छी है और न ही उन्हें रोजगार मिल पा रहा है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि 16 से 24 साल की आयु वाले युवाओं के बीच बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा बढ़ी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 16 से 24 वर्ष की आयु वाले चीनी युवाओं की बेरोजगारी दर 20.8% तक बढ़कर पहुंच गई है, जो अप्रैल में रिकॉर्ड 20.4% थी। एनबीएस (National Bureau of Statistics) ने एक बयान में कहा है कि कुल मिलाकर शहरी बेरोजगारी दर 5.2% है।
इसके साथ ही चीन में लगभग 1.16 करोड़ छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में हैं, जिसके लिए वे संघर्ष कर रहे हैं। कोरोना महामारी के बाद चीन में नौकरी प्राप्त करना अत्यधिक कठिन कार्य हो गया है। बेरोजगारी की बढ़ती समस्या के सामने चीनी सरकार ने कदम उठाए हैं। चीन की सरकार, जो शी जिनपिंग के नेतृत्व में है, इस महासंकट को कम करने के लिए प्रभावी उपाय अपना रही है। हाल ही में पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपनी प्रमुख नीति दर में संशोधन किया है। मध्यम अवधि के ऋण दर को 2.75% से 2.65% कम कर दिया गया है। यह पिछले अगस्त के बाद की पहली कटौती है। इसके चलते चीन में बेरोजगारी के हालात इसमें बद से बदतर होते जा रहे हैं।