नई दिल्ली। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा यूं ही नहीं कराया है। इसके पीछे भारत को दहलाने की सोची-समझी साजिश है। साथ ही आतंक के मामले में खुद को पाक-साफ साबित कर FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए भी उसने ये कदम उठाया है। यह जानकारी खुफिया सूत्रों से मिलने के बाद मोदी सरकार ने चौकन्ना होते हुए पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर जंग छेड़ दी है। सूत्रों के अनुसार तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान वहां लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को भेज रहा है। पाकिस्तान का इरादा अपनी जमीन की जगह अब अफगानिस्तान की धरती को भारत विरोधी आतंकियों की पनाहगाह बनाना है। इससे उसके दो हित सधेंगे। एक तरफ उसे आतंकवाद फैलाने का आरोपी कहे जाने से मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा भारत पर होने वाले किसी भी आतंकी हमले के कारण सर्जिकल स्ट्राइक या बालाकोट जैसे हमले का सामना नहीं करना होगा। खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार, आईएसआई और सेना ने मिलकर इसी वजह से भारत के खिलाफ सारा प्लान तैयार किया है।
ये जानकारी मिलने के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बनाने की शुरुआत कर दी है। गुरुवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC की बैठक की अध्यक्षता करते हुए इसी वजह से पाकिस्तान को जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों का काम जारी है उन्हें शह भी मिल रही है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि कभी भी आंतकवादियों को पनाह नहीं देनी चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि दोहरी बातें करने वालों को उजागर करना जरूरी है क्योंकि ऐसे देश आतंकियों को सुविधाएं देते हैं और फिर आतंकी मासूमों के खून से अपने हाथ रंगते हैं।