इस्लामाबाद। घर में नहीं दाने, लेकिन कश्मीर चाहिए। ये पाकिस्तान का हाल है। पाकिस्तान इतना बदहाल है कि वो अपनी जनता के लिए सस्ता आटा तक मुहैया नहीं करा पा रहा, लेकिन कश्मीर मुद्दे को छोड़ने के लिए वो राजी नहीं है। एक बार फिर पाकिस्तान ने कश्मीर का राग अलापा है। उसने इस मामले में अब अमेरिका से गुहार लगाई है। जबकि, अमेरिका समेत सभी बड़े देश कह चुके हैं कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का है। इसमें तीसरे देश की दखलंदाजी की कोई संभावना नहीं है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जहरा बलूच ने शुक्रवार को कश्मीर का मुद्दा उछाला।
भारत ने हमेशा ही कश्मीर पर किसी भी पक्ष या देश की मध्यस्थता को खारिज किया है। भारत की तरफ से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उसके अभिन्न अंग हैं और हमेशा रहेंगे। दरअसल, कश्मीर घाटी में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चल रही है। इसके अलावा संविधान से अनुच्छेद 370 और 35-ए को हटाने से भी पाक और उसके कश्मीरी आतंकी आकाओं को गहरा झटका लगा है। भारत से कारोबारी भी करीब-करीब ठप हो गया है।
इससे पाकिस्तान को बहुत नुकसान हो रहा है। ऐसे में वो अब फिर अमेरिका और अन्य देशों की तरफ देख रहा है कि वे कश्मीर मसले पर कुछ बोलेंगे और भारत को बातचीत के लिए राजी करेंगे। हालांकि, अमेरिका और अन्य देश इस मामले से पहले ही पल्ला झाड़ चुके हैं। पाकिस्तान के सबसे अच्छे दोस्त चीन ने भी कश्मीर मसले को दोनों देशों का आपसी मुद्दा बता दिया था। इससे भी पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा था। पाकिस्तान की मौजूदा हालत काफी खराब है। विदेशी मुद्रा भंडार करीब-करीब खत्म हो चुका है। बीते दिनों ही पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ सऊदी अरब और यूएई गए थे और वहां से धन की मांग की थी।