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Afghanistan: पाकिस्तान और तालिबान के बीच टकराव शुरू, इमरान सरकार अभी नहीं देगी मान्यता

Afghanistan: फवाद चौधरी ने ये भी कहा कि अफगानिस्तान से विदेशियों को निकालने में पाकिस्तान मदद कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान सरकार की मदद की वजह से अफगानिस्तान से 10 हजार से ज्यादा विदेशियों को निकाला जा सका है।

इस्लामाबाद। तालिबान और पाकिस्तान के बीच टकराव शुरू हो गया है। तालिबान ने पहले कहा था कि पाकिस्तान में आतंक बरपाने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी TTP की लगाम कसने का जिम्मा पाकिस्तान सरकार का है। तालिबान के इस बयान के एक दिन बाद पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि उनका मुल्क अभी अफगानिस्तान पर तालिबान के शासन को मान्यता नहीं देगा। फवाद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान की नीति पूरी तरह साफ है। तालिबान शासन को मान्यता देने से पहले अंतरराष्ट्रीय और दक्षिण एशिया के देशों का नजरिया देखा जाएगा। बता दें कि अफगानिस्तान पर पाकिस्तान के कब्जे के बाद पाकिस्तान सबसे खुश नजर आ रहा था। पीएम इमरान खान तो कह चुके थे कि तालिबान बदल चुका है और उसे मान्यता देने में दुनिया के देशों को अब दिक्कत नहीं होनी चाहिए, लेकिन तालिबान ने ये कहकर इमरान खान सरकार को ठेंगा दिखा दिया कि वह भारत समेत सभी देशों से दोस्ती चाहता है। इसी वजह से अब पाकिस्तान की सरकार को लग रहा है कि तालिबान से जो फायदा वह उठाना चाहती थी, वो शायद नहीं हो सकेगा।

तालिबान ने बीती 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर यूएई में शरण ले चुके हैं। फवाद चौधरी ने ये भी कहा कि अफगानिस्तान से विदेशियों को निकालने में पाकिस्तान मदद कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान सरकार की मदद की वजह से अफगानिस्तान से 10 हजार से ज्यादा विदेशियों को निकाला जा सका है।

Shah Mehmood Qureshi

उधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि सभी देशों को अफगानिस्तान का साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुरानी गलतियां दोहराने से गंभीर नतीजे ही निकलेंगे। कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी एक निर्णायक मोड़ है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वह अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को तबाह न होने दे।