ओटावा। भारत में जब किसान आंदोलन चल रहा था, तो कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने उसे लोकतांत्रिक बताकर समर्थन के अंदाज में बयान दिया था। अब खुद के घर यानी कनाडा में जब ट्रक ड्राइवरों के आंदोलन से हालात बिगड़े तो कुछ दिन पहले घर छोड़कर जाने के बाद अब पीएम ट्रूडो ने देश में इमरजेंसी एक्ट लागू कर दिया है। कनाडा में बीते 50 साल में पहली बार इस एक्ट को लागू किया गया है। बता दें कि कनाडा के ट्रक ड्राइवर जबरन वैक्सीन लगाए जाने का विरोध करते हुए राजधानी ओटावा और अन्य शहरों में आंदोलन कर रहे हैं और ट्रकों के लंबे काफिलों के साथ जाम लगा दिया है। ओटावा पुलिस का कहना है कि आपातकाल लागू होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तारी को नजरअंदाज कर शहर के केंद्र में जमावड़ा लगाया है।
ओटावा में हालात ये हैं कि वहां कई सड़कों पर प्रदर्शनकारियों ने तंबू ताने हैं। मंच बनाए हैं और वीडियो स्क्रीन के अलावा नहाने के लिए गर्म पानी का टब भी लगाया है। जिन सड़कों पर आंदोलनकारी इकट्ठा हैं, उनमें वेलिंगटन स्ट्रीट भी है। ये सड़क संसद भवन और पीएम ट्रूडो के दफ्तर के सामने से गुजरती है। कुल मिलाकर सांसदों और पीएम के आने-जाने में भी बाधा पैदा हो गई है। इसी के मद्देनजर ट्रूडो ने सोमवार को पार्लियामेंट हिल पर मीडिया से कहा कि अब ये साफ हो गया है कि कानून का पालन कराने के लिए एजेंसियों के सामने गंभीर चुनौतियां आ गई हैं। ऐसे में इमरजेंसी एक्ट को लागू करने के अलावा और कोई रास्ता अब दिख नहीं रहा है।
अमेरिका और कनाडा की मीडिया के मुताबिक इस एक्ट के तहत पुलिस को व्यवस्था बहाली के लिए ज्यादा अधिकार मिल गए हैं। इसके अलावा सार्वजनिक सभाओं और जमावड़े को अवैध घोषित किया गया है। सीमा के इलाकों और एयरपोर्ट्स जैसी जगहों को सुरक्षित करने के लिए पुलिस को इमरजेंसी एक्ट में ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। इमरजेन्सी एक्ट, 1980 के दशक के वॉर मेजर्स एक्ट की जगह लाया गया है। इमरजेन्सी एक्ट प्राकृतिक आपदाएं, बीमारी का प्रकोप, नागरिक अशांति, अंतरराष्ट्रीय आपातस्थिति या युद्ध आपातस्थिति के दौरान सरकार और प्रशासन को ज्यादा अधिकार देता है।