नई दिल्ली। नेपाल की राजधानी काठमांडू से उड़ान भर चुकी यति विमान पोखरा एयरपोर्ट पर पहुंचने के क्रम में दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का शिकार हो गई। पोखरा एयरपोर्ट पहुंचने के क्रम में विमान क्रैश हो गया। यह 72 सीटर विमान था। अब तक 68 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है। जिसमें चार भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। राहत एवं बचाव कार्य जारी है। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, अर्जेंटीना, इजराइल के नागरिक भी शामिल थे। इस हादसे के तत्काल बाद प्रधानमंत्री पुष्प कलम दहल ने आपातकालीन बैठक बुलाई। इसके बाद उन्होंने पांच सदस्यीय समिति का भी गठन किया। इस समिति को हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं। पीएम पुष्प कमल दहल ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने एक दिन का राष्ट्रीय शोक का भी ऐलान किया है।
इसके अलावा उक्त हादसे का वीडियो भी प्रकाश में आया है। जिसमें विमान में आग की लपटे दिखाई दे रही हैं। बता दें कि जिस पोखरा एयरपोर्ट पर यति विमान की लैंडिंग होनी थी। उसका निर्माण चीन की आर्थिक मदद से कुछ दिनों पहले ही हुआ है। चीनी बैंक ने बाकायदा नेपाल सरकार को इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए धनराशि भी मुहैया कराई थी। विगत 1 जनवरी, नए साल के मौके पर इस एयरपोर्ट का पीएम पुष्प कमल दहल ने उद्घाटन भी किया था। बता दें कि यति विमान इसी पोखरा एयरपोर्ट के रनवे पर लैंडिंग के दौरान हादसे का शिकार हो गई। हालांकि, जांच के आदेश दे दिए गए हैं। अब ऐसे में देखना होगा कि जांच संपन्न होने के बाद क्रैश की वजह क्या होती है।
वहीं, नेपाल में हुए विमान हादसे को लेकर भारत में भी शोक की लहर है। इस हादसे में भारत ने भी अपने चार नागरिक गंवाए हैं। जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट कर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “नेपाल में दुखद हवाई दुर्घटना से आहत हूं। इस हादसे में भारतीय नागरिकों सहित कई लोगों की जान चली गई। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।”
Pained by the tragic air crash in Nepal in which precious lives have been lost, including Indian nationals. In this hour of grief, my thoughts and prayers are with the bereaved families. @cmprachanda @PM_nepal_
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2023
बता दें कि भारत-नेपाल चिरपरिचित मित्र हैं। पौराणिक काल से दोनों ही देश एक दूसरे के अटूट मित्र रहे हैं। हालांकि, कई बार चीन ने अपने हस्तक्षेप के जरिए दोनों देशों के बीच वैमनस्यता पैदा करने की कोशिश की। लेकिन उसकी हर कोशिश नाकाम ही साबित हुई। ध्यान रहे बीते दिनों ही नेपाल में सत्ता परिवर्तन हुआ है और पुष्प कमल दहल प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए हैं। याद दिला दें पुष्प कमल दहल का चीन के प्रति झुकाव ज्यादा रहा है और चीन का भारत के प्रति रूख जगजाहिर है। अब ऐसे में दोनों ही देशों के बीच रिश्ते कैसे रहते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।