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Hope For Peace: बड़े काम को अंजाम देने में जुटे PM मोदी, दुनिया को दिखेगी भारत की ताकत

भारत ने लगातार कहा है कि वो शांति और बातचीत का पक्षधर है। खुद पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलिंस्की से कई बार फोन पर बात के दौरान भी भारत के इस स्टैंड को साफ तौर पर बताया है।

न्यूयॉर्क। पीएम नरेंद्र मोदी अपने दफ्तर जा रहे हैं। बीजेपी शासित राज्यों के सीएम के शपथग्रहण में भी हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन भीतर ही भीतर वो एक बड़े काम को अंजाम देने के लिए कोशिश भी कर रहे हैं। ये बड़ा काम है रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को बंद करवाने का। मोदी से ये कोशिश करने का आग्रह संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरास ने खुद किया है। गुतेरास ने मीडिया से इस बारे में जानकारी साझा की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि वो भारत के अलावा तुर्की और कई देशों के प्रमुखों से लगातार संपर्क में हैं। ताकि यूक्रेन पर रूस के हमले को बंद कराया जा सके। बता दें कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ जंग का एलान किया था और तबसे पूरी दुनिया इसे लेकर चिंतित है।

putin

भारत ने अब तक रूस या यूक्रेन का पक्ष नहीं लिया है। संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न मंचों पर भारत ने तटस्थता दिखाई है। दरअसल, रूस, भारत का पुराना मित्र देश है। वहीं, यूक्रेन की मदद कर रहे अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के साथ भी भारत के रिश्ते अच्छे हैं। भारत ने लगातार कहा है कि वो शांति और बातचीत का पक्षधर है। खुद पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलिंस्की से कई बार फोन पर बात के दौरान भी भारत के इस स्टैंड को साफ तौर पर बताया है। अब मोदी जिस तरह कोशिश कर रहे हैं, उससे लगता है कि आने वाले दिनों में भारत इस दिशा में बड़ी पहल कर सकता है।

ukraine president and putin

उधर, रूस और यूक्रेन की जंग में वहां का मारियुपोल शहर तहस-नहस हो गया है। शहर की 90 फीसदी आबादी पलायन कर गई है। रूसी सेना का निशाना अब राजधानी कीव है। कीव की तरफ से रूस के सैनिक तेजी से बढ़ रहे हैं। शहर को पूर्वी और उत्तरी इलाकों से घेरा जा रहा है। दूसरी तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने वॉरसा में दिए अपने बयान से यूटर्न ले लिया है। बाइडेन में कहा था कि रूस में लोगों को सत्ता परिवर्तन करना चाहिए और पुतिन को हटाने की जरूरत है। अब बाइडेन ने कहा है कि उनकी ये टिप्पणी निजी थी और अमेरिकी सरकार की रूस के प्रति नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।