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Afghanistan: पंजशीर पर तालिबान के कब्जे का दावा, अहमद मसूद ने कहा- पाकिस्तान झूठ फैला रहा

Panjshir: पंजशीर घाटी पर अपने पिछले शासन के दौरान भी तालिबान कब्जा करने में नाकाम रहा था। तब अहमद मसूद के पिता और पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद ने कबायली गुटों के साथ मिलकर तालिबान को यहां घुसने नहीं दिया था।

काबुल। उत्तरी अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी को लेकर विरोधाभासी खबरें आ रही हैं। तालिबान के एक गुट ने पंजशीर पर कब्जा कर लेने का दावा किया है। वहीं, इस इलाके में तालिबान से जंग लड़ रहे कबायलियों के नेता अहमद मसूद ने इस दावे को पाकिस्तान की ओर से किया जा रहा दुष्प्रचार बताया है। अहमद ने कहा है कि जब तक उनकी जान बाकी है, तालिबान यहां घुस नहीं सकता। वहीं, पंजशीर के अन्य लोगों ने कसम खाई है कि जब तक एक भी शख्स जिंदा रहेगा, तालिबान के खिलाफ जंग जारी रहेगी। इससे पहले तालिबान के सैकड़ों लोग पंजशीर पर कब्जे की कोशिश में मारे जा चुके हैं। तालिबान ने अहमद मसूद को प्रस्ताव दिया था कि दोनों मिलकर पंजशीर पर शासन कर सकते हैं, लेकिन अहमद ने इससे साफ इनकार कर दिया था। अहमद मसूद के साथ अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने भी गठजोड़ कर रखा है। सालेह ने भी दावा किया है कि पंजशीर पर तालिबान का कब्जा नहीं हुआ है और ये दुष्प्रचार कर यहां के लोगों में डर बिठाने की कोशिश की जा रही है।

taliban

बता दें कि पंजशीर घाटी पर अपने पिछले शासन के दौरान भी तालिबान कब्जा करने में नाकाम रहा था। तब अहमद मसूद के पिता और पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद ने कबायली गुटों के साथ मिलकर तालिबान को यहां घुसने नहीं दिया था। अमेरिका पर 9/11 के हमले से दो दिन पहले तालिबान ने अल-कायदा के फिदायीन को पत्रकार के तौर पर अहमद शाह मसूद का इंटरव्यू करने भेजा था। इस फिदायीन ने धमाका किया। जिसमें अहमद शाह मसूद की मौत हो गई थी। इसके बाद अमेरिका ने आतंकी हमले के विरोध में अफगानिस्तान से तालिबान की सत्ता को उखाड़ फेंका था।

Taliban terror

उधर, अमेरिकी सैनिकों के वापस चले जाने के बाद भी अब तक तालिबान ने शासन तंत्र का खाका नहीं खींचा है। कभी कहा जाता है कि अखुंदजादा को सरकार का मुखिया बनाया जाएगा, तो कभी मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का नाम लिया जाता है। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने दो दिन पहले कहा था कि शुक्रवार को नई सरकार के चेहरों का एलान कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब कहा जा रहा है कि सरकार का खाका सामने लाने में एक-दो दिन और लगेंगे।