नई दिल्ली। बाबा रामदेव की तरफ से भ्रामक विज्ञापन देने के मामले में मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने बाबा रामदेव और उनके साथी आचार्य बालकृष्ण को अगली पेशी पर मौजूद रहने से छूट दी है। साथ ही माफीनामे का बड़ा विज्ञापन छपवाने पर कहा कि अच्छी बात है कि उनको (रामदेव) समझ आ गया। कोर्ट ने बाबा रामदेव के वकील से कहा कि विज्ञापन को अगली तारीख पर कोर्ट के सामने रखा जाए। वहीं, बाबा रामदेव की तरफ से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में ऐसी बात कह दी, जिससे सुप्रीम कोर्ट के तेवर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर आरवी असोकन के प्रति टेढ़े हो गए।
मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को ताया कि आईएमए के अध्यक्ष ने एक इंटरव्यू दिया है। आईएमए अध्यक्ष के इंटरव्यू के बारे में मुकुल रोहतगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पिछली सुनवाई में एलोपैथी डॉक्टरों पर की गई टिप्पणी की आलोचना की गई। बेंच के दोनों जजों के तेवर इस पर तीखे हो गए। उन्होंने मुकुल रोहतगी से कहा कि वो इस मामले को रिकॉर्ड पर रखें। कोर्ट ने कहा कि इस विषय को वो सख्ती से देखेगा।
Delhi: Baba Ramdev and Patanjali Ayurved CMD Acharya Balkrishan arrived at the SC to attend the hearing relating to misleading advertisements by Patanjali Ayurved. pic.twitter.com/EvQKvDYHFZ
— IANS (@ians_india) April 30, 2024
पिछली बार बाबा रामदेव के मामले में सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली ने आईएमए के वकील से कहा था कि जबकि याचिकाकर्ता प्रतिवादी पर अंगुलियां उठा रहा है, अन्य चार अंगुलियां आप पर भी उठ रही हैं। क्योंकि आपके एसोसिएशन के सदस्य अपने मरीजों को दवाइयों का समर्थन करने में व्यस्त हैं। जस्टिस हिमा कोहली ने आईएमए के वकील पीएस पटवालिया से पूछा था कि कितनी बार शिकायतें संज्ञान में लाई गईं और आईएमए अपने सदस्य डॉक्टरों के संबंध में क्या कर रहा है। इस पर आईएमए के वकील ने कहा था कि बोर्ड में सफाई जारी है और आरोपों पर गौर किया जाएगा। आरोप है कि आईएमए के अध्यक्ष ने कोर्ट की इसी टिप्पणी की आलोचना की।