मॉस्को। अमेरिका और यूरोप के देशों की ओर से लगातार लगाए जा रहे आर्थिक प्रतिबंधों के खिलाफ रूस भी उठ खड़ा हुआ है। उसने तमाम अहम फैसले लिए हैं। इससे अमेरिका और सहयोगी देशों की भी सिट्टी-पिट्टी गुम होने के आसार हैं। सबसे अहम फैसले में रूस के सेंट्रल बैंक ने सभी शेयर ब्रोकरों से कहा है कि वे किसी भी विदेशी की ओर से रूस के शेयर मार्केट में लगाए गए धन को निकालने के लिए शेयर न बेचने दें। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। रूस के इस आदेश के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूसी मुद्रा रूबल की कीमत बढ़ने लगी। सुबह जहां रूबल 41 फीसदी तक गिर गया था, अब वो धीरे-धीरे तेजी पकड़ रहा है और खबर लिखे जाने तक डॉलर के मुकाबले 25 फीसदी ही लुढ़का हुआ था।
खबर ये भी है कि बैंक ऑफ चाइना के सिंगापुर डिवीजन ने रूसी तेल निकालने वाली समेत अन्य कंपनियों के साथ वित्तीय डील रोक दी है। अभी ये पता नहीं है कि सिंगापुर सरकार के निर्देश पर ऐसा किया गया है या बैंक ऑफ चाइना ने खुद ये फैसला किया है। कुल मिलाकर अब युद्ध जमीन और आसमान की जगह आर्थिक क्षेत्र में भी जमकर लड़ा जा रहा है और इसका आगे आने वाले समय में व्यापक असर देखने को मिल सकता है। खबर इस बीच ये भी आ रही है कि रूस अब यूरोपीय देशों में बसे अपने नागरिकों को निकालने की तैयारी में है। ये काम समुद्र के रास्ते किया जा सकता है, क्योंकि यूरोपीय देशों ने अपनी हवाई सीमा रूसी विमानों के लिए बंद कर दी है।
उधर, राष्ट्रपति पुतिन आज अहम बैठक कर हालात की समीक्षा भी कर सकते हैं। रूसी सरकार के सूत्रों के मुताबिक बेलारूस में यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल भी बातचीत के लिए पहुंच गया है। बावजूद इसके रूस अपनी सैन्य कार्रवाई धीमी नहीं करेगा। अगर बातचीत विफल रहती है, तो रूस अपनी कार्रवाई को और तेज कर सकता है।