नई दिल्ली। कहते हैं कि बबूल का पेड़ बोने वाला शख्स आखिर आम खाने की उम्मीद कैसे कर सकता है? यह कहावत अभी रूसी राष्ट्रपति पुतिन के नेतृत्व में रूस की मौजूदा स्थिति पर बिल्कुल सटीक बैठती है। रूस में स्थिति एक बार फिर से बेकाबू हो चुकी है। जहां एक तरफ रूस सामरिक मोर्चे पर यूक्रेन से युद्ध की वजह से जूझ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ वैगनर ग्रुप (Wagner Group) के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन ने पुतिन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बताया जा रहा है कि येवगेनी अब पुतिन के खिलाफ सैनिक तख्तापलट की तैयारी में है, लेकिन येवगेनी का कहना है कि उसका मकसद सैनिक तख्तापलट करना नहीं, बल्कि न्याय के लिए मार्च स्थापित करना है। इतना ही नहीं, येवगेनी के बयान से स्पष्ट जाहिर होता है कि वह आगामी दिनों में पुतिन के खिलाफ व्यापक स्तर पर मोर्चा खोल सकता है।
रूस को जल्द ही नया राष्ट्रपति मिलेगा, जिससे स्पष्ट होता है कि आगामी दिनों में रूस में सामरिक मोर्चे पर बड़ा भूचाल देखने को मिल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यह पुतिन के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है। उधर, पुतिन के इस कदम पर येवगेनी ने कहा कि रूस को नया राष्ट्रपति जल्द ही मिलेगा। अपने इस विचार को मूर्त रूप देने की दिशा में हमारे 25 हजार से भी अधिक जवान कमान संभाल चुके हैं। येवगेनी ने कहा कि रूस में आधिकारिक तौर पर अब गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो चुके हैं। वैगनेर पिछले काफी दिनों से पुतिन के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में जुटे हुए हैं। वैगनेर ने हजारों कैदियों को सलाखों से बाहर निकालकर सेना में भर्ती करवाया। वहीं, पुतिन ने इस संदर्भ में बयान जारी कहा कि हम स्थिति को दुरूस्त करने की तैयारी में जुट चुके हैं।
यकीनन, अभी विषय़ परिस्थितियां मुंह बाएं खड़ी हैं, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि आगामी दिनों में स्थिति को दुरूस्त कर लिया जाएगा। बहरहाल, अब आगामी दिनों में पुतिन की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं ।इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए येवगेनी ने कहा कि जिस तरह से सैन्य तख्तापलट के दावे किए जा रहे हैं, वे बिल्कुल गलत हैं।