वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सामने नया सिरदर्द है। पहले बाइडेन ने कहा था कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में करीब 200 अमेरिकी नागरिक अभी बचे हुए हैं। अब पूर्व सैनिकों के बचाव दलों का कहना है कि अफगानिस्तान में हजारों अमेरिकी नागरिक अभी फंसे हुए हैं। इनमें ग्रीन कार्ड होल्डर भी हैं। इसके अलावा ऐसे अफगान नागरिक भी हैं, जिन्हें अमेरिका अपने नागरिकों के समान ही अधिकार देता है। अफगानिस्तान में अमेरिका का दूतावास बंद है। ऐसे में वहां फंसे लोग वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन भी नहीं करा सकते। ये दल उन अमेरिकी नागरिकों से संपर्क साध रहा है। ग्रीन कार्ड होल्डर्स के बच्चे भी अमेरिका के नागरिक हैं। वहीं, बाइडेन सरकार बता नहीं पा रही है कि तालिबान के राज में कितने अमेरिकी फंसे हैं।
अमेरिका के सैन डियागो के कई परिवार हैं, जो अफगानिस्तान में हैं। इन्हें कोई देखने वाला नहीं है। तालिबान शासन के दौरान इन्हें अपनी जान गंवाने का डर है। कैजन वैली यूनियन स्कूल डिस्ट्रिक्ट के प्रवक्ता के मुताबिक उन्हें अफगानिस्तान में छोड़ देना बाइडेन की बड़ी गलती है। अब तालिबान से समझौते के तहत अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिक दोबारा पहुंचकर इन नागरिकों को निकाल भी नहीं सकते।
वहीं, कैलीफोर्निया के तीन स्कूलों ने अपनी ब्रांच अफगानिस्तान में खोली थी। इनमें पढ़ने वाले 30 से ज्यादा अमेरिकी बच्चे भी अपने देश नहीं लौट सके हैं। सैक्रामेंटो का एक परिवार भी वहां फंसा है। ये परिवार अपने बच्चों और खुद को बचाने के लिए रोज संदेश भेज रहा है। ये सभी अमेरिका के नागरिक हैं और इनका परिवार अफगानिस्तान में ही रहता है। हालांकि तालिबान ने कहा है कि हर हाल में दूसरे देशों के नागरिकों की सुरक्षा की जाएगी, लेकिन इन्हें उनके देश वापस भेजने के बारे में तालिबान की ओर से कोई बयान नहीं आया है। काबुल समेत अफगानिस्तान के अन्य प्रांतों में हालात लगातार खराब भी हो रहे हैं। ऐसे में हर व्यक्ति अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए कोशिश में जुटा है।