नई दिल्ली। अफगानिस्तान के उत्तरी बगलान प्रांत के तीन जिलों से विद्रोही बलों ने तालिबान लड़ाकों को खदेड़ दिया है, लेकिन तालिबान लड़ाके एक जिले को हासिल करने में कामयाब रहे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने टोलो न्यूज के हवाले से कहा, तालिबान विरोधी लड़ाकों ने 20 अगस्त को पुल-ए-हिसार, देह सलाह और बानो जिलों पर कब्जा कर लिया, लेकिन तालिबान ने 21 अगस्त को बानू पर कब्जा कर लिया और दो और जिलों पर फिर से कब्जा करने के लिए लड़ाई जारी है। 15 अगस्त को राजधानी काबुल पर अधिकार करने के बाद तालिबान लड़ाकों ने उक्त जिलों पर कब्जा कर लिया और इस तरह बगलान प्रांत पर अपना शासन पूरा कर लिया। तालिबान लड़ाकों ने देश के 34 में से 33 प्रांतों पर अपना शासन पहले ही मजबूत कर लिया है। पंजशीर एकमात्र ऐसा प्रांत है जो तालिबान की पकड़ से बाहर रहा है, जहां पूर्व तालिबान विरोधी नेता अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने देश पर तालिबान शासन को चुनौती दी है।
वहीं बानू जिले में अफगान फौज ने तालिबान को कड़ी टक्कर दी है। यहां पर अफगानी फौज ने तालिबान लड़ाकों की कमर तोड़ दी है। इसमें तालिबान के जिला प्रमुख के साथ 50 तालिबानियों को मार गिराया गया है। इसके अलावा करीब 20 तालिबानी लड़ाकों को बंदी भी बना लिया गया।
इसको लेकर पंजशीर प्रोविनेंस ने ट्वीट कर कहा कि तालिबान का बानू जिला प्रमुख मारा गिराया गया है। उसके साथ उसके तीन साथी भी मारे गए हैं। अंद्राब के विभिन्न इलाकों में लगातार तालिबान लड़ाकों के सात टकराव चल रहा है। वहीं फज्र इलाके में 50 तालिबानियों को मारा गया और 20 अन्य को बंदी बना लिया गया।
वहीं इससे पहले जानकारी मिली थी कि, अफगानिस्तान के कुल 34 प्रांतों में से 33 प्रांतों में तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया है। 15 अगस्त को तालिबानी लड़ाकों ने राजधानी काबुल पर कब्जा किया था, जिसके बाद जल्द सरकार बनाने का दावा किया गया था। पंजशीर ही ऐसा इलाका है जो तालिबानी लड़ाकों के कब्जे से दूर है।