newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Taliban: जानिए कौन है अब्दुल गनी बरादर, जिसकी रिहाई के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान को दिए थे आदेश

Taliban: व्यापक रूप से एक अत्यधिक प्रभावी रणनीतिकार माना जाता है। बरादर ने पांच साल के तालिबान शासन में सैन्य और प्रशासनिक भूमिकाएं भी निभाईं है। वह देश के तत्कालीन उप रक्षामंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं। तालिबान के 20 साल के निर्वासन के दौरान, बरादर को एक शक्तिशाली सैन्य नेता और एक सूक्ष्म राजनीतिक संचालक होने की प्रतिष्ठा हासिल हुई।

नई दिल्ली। तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। जिसके बाद से अफगान के लोग किसी भी तरह देश छोड़ना चाहते हैं। वहीं देश में फैले तालिबानी लड़ाकों की कई तस्वीरें भी सामने आई है। जो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल भी हो रही है। लेकिन इन सबके बीच यह जानना भी बेहद जरूरी है कि आखिर यह अब्‍दुल गनी बरादर कौन है। जिसका नाम तालिबान की बनने वाली सरकार के शीर्ष के तौर पर सामने आ रहा है। हालांकि तालिबान की तरफ से किसी भी नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगाई गई है, लेकिन अब्दुल गनी बरादर का नाम काफी सुर्खियों में बना हुआ है।

बता दें कि अब्‍दुल गनी बरादर पाकिस्तान की जेल में कैद था। जिसे तीन साल से कम समय पहले अमेरिका के अनुरोध करने पर जेल से रिहा कर दिया गया था। तालिबान नेता अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान में 20 साल से चल रहे युद्ध के निर्विवाद विजेता के रूप में सामने आया है। तो वहीं हैबतुल्लाह अखुंदजादा तालिबान का समग्र नेता भी है। बरादर इसका राजनीतिक प्रमुख और इसका सबसे बड़ा पब्लिक फेस है। हालांकि रविवार को एक टेलीविजन में बयान देते हुए उसने कहा कि तालिबान की असली परीक्षा अभी शुरू हुई है और उसे राष्ट्र की सेवा करनी है।

अब्दुल गनी बरादर का जन्म साल 1968 में उरुजगान प्रांत हुआ था। 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ अफगान मुजाहिदीन में लड़ाई लड़ी गई। साल 1992 में रूसियों को बाहर निकालने के बाद और देश में प्रतिद्वंद्वी गुटों के युद्ध के बीच बरादर ने अपने पूर्व कमांडर और बहनोई, मोहम्मद उमर के साथ कंधार में एक मदरसा भी स्थापित किया था।

तब दोनों ने ही मिलकर तालिबान की स्थापना की थी। देश के धार्मिक शुद्धिकरण और एक अमीरात के निर्माण के लिए समर्पित युवा इस्लामी विद्वानों के नेतृत्व में एक आंदोलन था। सामने आई रिपोर्ट में कहा गया जा रहा है कि मुल्ला उमर के डिप्टी बरादर जीत का प्रमुख वास्तुकार है। इन्हें व्यापक रूप से एक अत्यधिक प्रभावी रणनीतिकार माना जाता है। बरादर ने पांच साल के तालिबान शासन में सैन्य और प्रशासनिक भूमिकाएं भी निभाईं है। वह देश के तत्कालीन उप रक्षामंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं। तालिबान के 20 साल के निर्वासन के दौरान, बरादर को एक शक्तिशाली सैन्य नेता और एक सूक्ष्म राजनीतिक संचालक होने की प्रतिष्ठा हासिल हुई।

सामने आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अफगान दूत, जालमय खलीलजाद ने पाकिस्तानियों से बरादर को रिहा करने के लिए कहा। ताकि वह कतर में बातचीत का नेतृत्व कर सकें। इस विश्वास के साथ ही वह सत्ता-साझाकरण व्यवस्था के लिए समझौता भी करेंगे। बरादर ने फरवरी 2020 में अमेरिका के साथ दोहा समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे ट्रम्प प्रशासन ने शांति की दिशा में एक सफलता के रूप में देखा था।