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Taliban: तालिबान ने चीन को बताया दोस्त, कहा उइगर मुसलमानों की नहीं करेगा मदद

Taliban: शिंजियांग की करीब 80 किलोमीटर लंबी सीमा अफगानिस्तान से सटी है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ये कहा कि वे चीन को अफगानिस्तान के दोस्त की तरह देखता है और ये भी आशा करता है कि वह पुननिर्माण कार्य में यथाशीघ्र निवेश के लिए बीजिंग से बात करेंगे।

नई दिल्ली। अपने आप को मुस्लिम धर्म के लोगो का रक्षक बताकर खून की होली खेलनेवाले तालिबानी लड़ाकों को लगता है कि चीन की सीमा के अंदर अपने ऊपर जुल्म सह रहे उइगर मुसलमान आंतकी और चरमपंथी हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि उइगर मुसलमानों को लेकर चीन की तानाशाही सरकार का रवैया जैसा है वैसा ही कुछ तालिबान की तरफ से भी कहा जा रहा है। तालिबान की तरफ से पूरी दुनिया में जारी आतंक केवल और केवल इस्लाम के नाम पर किया जा रहा है। लेकिन यह तालिबान चीन के साथ अपनी मित्रता सिद्ध करने के लिए ड्रैगन के हाथों प्रताड़ित किए जा रहे उइगर मुसलमानों को आतंकी बताने से भी नहीं कतरा रहा और साफ और स्पष्ट संदेश दे चुका है कि वह अपनी सीमा में इनको पनाह नहीं देगा।

taliban

अफगानिस्तान में सक्रिय तालिबान ने चीन को अपना मित्र बताते हुए ये आश्वस्त किया है कि वो उसके अशांत शिंजियांग प्रांत के उइगर इस्लामी चरमपंथियों को अपने यहां पनाह नहीं देगा। हालांकि तालिबान के इस पेशकश पर चीन की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

बता दें, उइगर इस्लामी चरमपंथी तो पहले ही चीन सरकार के लिए चिंता का एक बड़ा विषय बना हुआ है। तो वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान में तालिबान का विस्तार भारत, चीन, और रूस जैसे देश चिंता बढ़ा रहा है। चीन को इस बात की चिंता की सता रही है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान यहां अधिक से अधिक क्षेत्र पर अपना नियंत्रण कर लेगा जिसके बाद तालिबान के शासन में अफगानिस्तान ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटआईएम) का केंद्र बन जाएगा, जो एक अलगाववादी संगठन है और आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ा है।

अफगानिस्तान से लगा है शिंजियांग

शिंजियांग की करीब 80 किलोमीटर लंबी सीमा अफगानिस्तान से सटी है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ये कहा कि वे चीन को अफगानिस्तान के दोस्त की तरह देखता है और ये भी आशा करता है कि वह पुननिर्माण कार्य में यथाशीघ्र निवेश के लिए बीजिंग से बात करेंगे।

Taliban Militant

अफगानिस्तान के खनिज पर चीन की नजर

यहां बता दें, चीन बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान में निवेश की रणनीति बना रहा है क्योंकि वहां पर अब तक दोहन नहीं किए गए तांबा, गैस, कोबाल्ट, पारा, सोना, कोयला, लोहा, लिथियम और थोरियम का दुनिया का सबसे बड़ा भंडार है।

80 लाख मुस्लिम कैद

ब्रिटिश अखबार द सन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने डिटेंशन कैंप्स में शिनजियांग प्रांत के 80 लाख उइगर मुसलमानों को कैद कर रखा है। पेइचिंग के एक खुफिया दस्तावेज में बताया गया है कि चीनी सरकार अपनी सक्रिय श्रम और रोजगार नीतियों के माध्यम शिनजियांग के लोगों के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन को बेहतर बना रही है।

Talibans Militant

वहीं, इस पर इंस्‍टीट्यूट के शोधकर्ता नाथन रुसर का कहना है कि ”इन तस्‍वीरों से मिले सबूत के आधार पर यह पता चलता है कि चीनी अधिकारियों के दावे के विपरीत नए डिटेंशन कैंप को बनाने पर बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। यह साल 2019 और 2020 में भी जारी है।