नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे हिंदुस्तानियों को सुरक्षित स्वदेश लाने की दिशा में केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी प्रयास के तहत ऑपरेशन गंगा अभियान की शुरूआत की गई है। इस अभियान के अंतर्गत युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को लाने की कवायद तेज हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन में 20 हजार से भी अधिक भारतीय फंसे हुए हैं, जिसमें से अधिकांश छात्राएं हैं, जिन्हें स्वदेश लाने की कवायद जारी है। अब तक कई छात्रों को सुरक्षित स्वदेश लाया जा चुका और कईओं को लाने की प्रक्रिया जारी है, लेकिन इस बीच कुछ ऐसी जानकारी निकलकर सामने आई है, जिसे जानकर आपको थोड़ा बुरा लगेगा और यह जानकारी किसी और ने नहीं, बल्कि यूक्रेन से लौटे हिंदुस्तानियों ने खुद मीडिया से मुखातिब होने के दौरान साझा की है।
दरअसल, इसे जानकारी नहीं, बल्कि यूक्रेन से लौटे हिंदुस्तानियों का दर्द कहना अधिक मुनासिब रहेगा। जिसे बयां करते हुए कई लोगों की आंखे भी नम हो गई। दरअसल, यूक्रेन से स्वदेश लौटे हिंदुस्तानियों का कहना है कि यूक्रेनी सेना का रवैया हिंदुस्तानियों के प्रति बेहद अपमानजनक है। उनका रवैया हिंदुस्तानियों के प्रति सही नहीं है। कई हिंदुस्तानी वहां फंसे हुए हैं, लेकिन यूक्रेनी सेना का रवैया उनके प्रति सहयोगत्मक नहीं है। इस मुश्किल घड़ी में अगर हमारी मदद के लिए कोई आगे आ रहा है, तो वो इंडियन एंबेसी ही हैं। ऐसे हम उनके प्रति सदैव धन्यवादी रहेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन से भारत लौटे छात्रा सुभांषु ने कहा कि रोमानिया की सीमा पर हालात बेहद संवेदनशील हो चुके हैं। हालात दुष्कर हैं। सभी लोग अब खौफ के साए में जीन को मजबूर हो चुके हैं। स्थिति की भयावहता दिन व दिन बढ़ती ही जा रही है। वहीं, सुभांषु जब अपनी मां से मुखातिब हुए, तो दोनों की आंखें नम हो गईं। दोनों ने अपने स्नेह को प्रकट करने के लिए एक-दूसरे को अपनी आगोश में भी लपेट लिया। सुभांषु की मां ने रोते हुए अपनी मां से कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धन्यवाद करना चाहूंगी कि उन्होंने मेरे बेटे को सुरक्षित लाने में हमारी मदद की है।
हमें समझ नहीं आ रहा है कि किन शब्दों में उनका धन्यवाद किया जाए। अब ऐसी स्थिति में दिन व दिन संवेदनशील होती जा रही है। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने यूक्रेन में फंसे हिंदुस्तानियों को सुरक्षिदत लाने के लिए ऑपरेशन गंगा की शुरूआत की है, जिसके तहत वहां फंसे लोगों की वापस स्वदेश लाने की कवायद जारी है। उधर, अगर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की बात करें, तो दोनों ही देशों के बीच हालात दुरूह होते जा रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति पुतिन की आक्रमकता यूक्रेन के खिलाफ बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में पूरी दुनिया के समक्ष यह चुनौती है कि आखिर कैसे दोनों ही देशों के बीच युद्ध पर विराम जैसी स्थिति पैदा की जाए। फHx