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Afghanistan: पिछली बार से बदला हुआ है तालिबान का रूप, आम लोगों को साथ जोड़ने की कर रहा कोशिश

Afghanistan: अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबान काबिज हो गया है, लेकिन इस बार के तालिबान और पहले के तालिबान के रूप में काफी बदलाव दिख रहे हैं। पहले तालिबान के राज में आम लोगों पर हर रोज अत्याचार होते थे। इस बार तालिबान सबको साथ लेकर चलने की बात कह रहा है।

काबुल। अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबान काबिज हो गया है, लेकिन इस बार के तालिबान और पहले के तालिबान के रूप में काफी बदलाव दिख रहे हैं। पहले तालिबान के राज में आम लोगों पर हर रोज अत्याचार होते थे। इस बार तालिबान सबको साथ लेकर चलने की बात कह रहा है। तालिबान की तरफ से उसके नेता इनामुल्लाह समनगनी ने अफगानिस्तान के सरकारी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि वे नहीं चाहते कि अफगानिस्तान में महिलाओं को किसी तरह का अत्याचार झेलना पड़े। उन्होंने कहा कि हम सभी पक्षों को साथ लेकर चलना चाहते हैं।

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वहीं, तालिबान के एक अन्य प्रवक्ता ने कहा कि निजी न्यूज चैनलों पर महिला एंकर्स के काम करने से भी उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। समनगनी और तालिबान के प्रवक्ताओं की ओर से भले ही भरोसा दिलाया जा रहा हो, लेकिन अफगानिस्तान के लोगों को याद है कि पहले जब तालिबान का शासन था, तो लोगों की जान हर रोज ली जाती थी।

उधर, तालिबान ने भारत के लिए कहा है कि उसे अपने सारे प्रोजेक्ट पूरे करने चाहिए। एक तालिबानी नेता ने कहा कि हम भारत सरकार से इस बारे में बात करेंगे। बता दें कि अफगानिस्तान में भारत सरकार की तरफ से विकास के कई प्रोजेक्ट चलाए जा रहे थे। तालिबान के कब्जे के बाद इन प्रोजेक्ट्स के भविष्य के बारे में सवाल खड़े हो रहे थे। हालांकि, जिस तरह भारत ने अपना राजदूत और दूतावास का सारा स्टाफ काबुल से हटाया है, उससे लगता नहीं कि तालिबान के शासन के दौरान अफगानिस्तान में किसी भी प्रोजेक्ट को वह आगे बढ़ाएगा।