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पाकिस्तान के हालात नाजुक, एक-दूसरे को मारने उतारू हुए पुलिस और TLP कार्यकर्ता, जानिए हालिया स्थिति

Pakistan : दरअसल, इसलके पीछे दो वजहें हैं। पहली यह है कि टीएलपी यानी की तहरीक-ए-लब्बेक के प्रमुख साद रिजवी पिछले काफी दिनों से सलाखों के पीछे हैं और दूसरी वजह यह है कि टीएलपी के कार्यकर्ता इमरान सरकार से फ्रांस के राजदूत को निष्काषित करने की मांग कर रहे हैं।

नई दिल्ली। राजधानी इस्लामाबाद की सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ता दिख रहा है। सभी के चेहरे पर रोष साफ झलक रहा है। देश के विभिन्न शहरों से कूच करके इस्लामाबाद पहुंच रहे टीएलपी समर्थक इमरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। लोगों की बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने इन्हें नियंत्रित किया, तो हालात पहले से भी ज्यादा संजीदा हो गए। कानून को ताक पर रखते हुए टीएलपी समर्थक पुलिस को ही मारने पर उतारू हो गए। इनके अंदर रत्ती भर भी कानून का खौफ नजर नहीं आ रहा है। जैसे ही गंभीर होती हालिया स्थिति के बारे में इमरान सरकार को पता लगा, तो राजधानी की तरफ भारी संख्या में सुरक्षाबलों को भेज दिया गया है, लेकिन अभी तक स्थिति नियंत्रित होती नजर नहीं आ रही है। यह आलम पाकिस्तान की राजधानी इस्लामबाद का है। आइए, अब आगे जानते हैं कि इस शहर की ऐसी स्थिति क्यों बनी हुई है।

TLP 1

दरअसल, इसके पीछे दो वजहें हैं। पहली यह है कि टीएलपी यानी की तहरीक-ए-लब्बेक के प्रमुख साद रिजवी पिछले काफी दिनों से सलाखों के पीछे हैं और दूसरी वजह यह है कि टीएलपी के कार्यकर्ता इमरान सरकार से फ्रांस के राजदूत को निष्काषित करने की मांग कर रहे हैं। पिछले काफी दिनों के विरोध के नतीजतन इमरान सराकर टीएलपी के प्रमुख को रिहा करने की मंजूरी प्रदान कर चुकी है, लेकिन फ्रांस के राजदूत को निष्काषित करने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसी विरोध में विगत दिनों  पाकिस्तान के केंद्रीय गृह मंत्री शेख रसीद ने विरोध कर रहे टीएलपी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया था कि केंद्र सरकार इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार कर रही है, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी जब इनकी मांगों के अनरूप फैसला नहीं लिया गया, तो समर्थकों का गुस्सा अपने चरम पर पहुंच गया। लिहाजा यह लोग अपने विरोध की नुमाइश करने के लिए राजधानी इस्लामाबाद की ओर रूख करने पर आमादा हो गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। जिस दौरान पुलिस और सुरक्षाबलों के बीच झड़प की खबरें भी सामने आई है।

TLP

हालांकि, अभी तक जो खबर सामने आई है, उसके मुताबिक इमरान सरकार टीएलपी प्रमुख की रिहाई को मंजूरी दे चुकी है, लेकिन फ्रांस के राजदूत को निष्काषित करने के फैसले पर अभी-भी पेंच फंस रहा है, जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर आगे चलकर क्या कुछ फैसला लेती है, लेकिन वर्तमान में टीएलपी कार्यकर्ताओं का रोष अपने चरम पर पहुंच चुका है। यह लोग इमरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। टीएलपी समर्थकों के विरोध के परिणामस्वरूप राजधानी समेत पाकिस्तान के कई शहरों के हालात नाजूक बताएं जा रहे हैं। अब देखना होग कि सरकार आगे चलकर इस पर क्या कुछ फैसला लेती है। हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है कि पाकिस्तानी सरकार ने किसी गुट के विरोध के समक्ष अपने फैसले को बदलने का काम किया है, बल्कि इससे पहले भी पाकिस्तानी सरकार कई मौकों पर सेना समेत कई अन्य संगठनों के समक्ष अपने फैसले को बदलने का काम कर चुकी है, लेकिन इस बार सरकार कुछ असमंजस की स्थिति में नजर नहीं आ रही है।