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पहली बार नेपाल की जनगणना में इस समुदाय की भी होगी गणना

अल्पसंख्यक समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और बेहतर शिक्षा के प्रबंध के लिए नेपाल में आगामी जनगणना में पहली बार एलजीबीटी की गणना की जाएगी। जिसकी जानकारी नेपाल के केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो में एक अधिकारी ढुंढी राज लामीछाने ने दी।

नई दिल्ली। अल्पसंख्यक समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और बेहतर शिक्षा के प्रबंध के लिए नेपाल में आगामी जनगणना में पहली बार एलजीबीटी की गणना की जाएगी। जिसकी जानकारी नेपाल के केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो में एक अधिकारी ढुंढी राज लामीछाने ने दी।उनके मुताबिक इसमें एलजीबीटी समुदाय के लोगों को गिने जाने से इन लोगों के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। दुनिया के कई विकासशील देशों की तरह नेपाल में भी इस समुदाय के लोगों को सामाजिक भेदभाव झेलना पड़ता है। आपको बता दें, नेपाल में एलजीबीटी समुदाय लंबे समय से हर 10 साल में होने वाली जनगणना में उनकी गिनती कराने की मांग करता रहा है।

nepal lgbtनेपाल के कानून के अनुसार कार्यस्थलों, स्कूलों और कॉलेजों में अल्पसंख्यकों के लिए विशेष आरक्षण और रियायती स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान हैं। एलजीबीटी समुदाय के सदस्यों का कहना है कि जनगणना के आंकड़ों के अभाव में उन्हें ये विशेषाधिकार नहीं मिल पाते हैं।
एलजीबीटी की सटीक आबादी यह निर्धारित करने में मदद करेगी कि इन नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का कितना हिस्सा उन्हें मिलेगा। इसके साथ ही राज लामीछाने ने बताया कि जनगणना में लोग अपनी पहचान “महिला”, “पुरुष” या फिर “अन्य (लिंग/लैंगिक समुदाय)” के तौर पर दर्ज करा सकते हैं।

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लामीछाने का कहना है कि 2015 में लागू संविधान में एलबीटी समुदाय के लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में कोटे समेत कई अधिकारों का प्रावधान किया गया है। अब जनगणना में उनकी गिनती होने से उनके लिए सामाजिक सुरक्षा और अन्य कल्याणकारी योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।

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लेकिन पुरूष समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता जनगणना में पहचान के साथ लैंगिक रुझान को जोड़ने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि 2011 में हुई पिछली जनगणना में पहली बार तीसरे लिंग की श्रेणी जोड़ी गई थी ताकि एलजीबीटी समुदाय के सभी लोगों को गिना जा सके।