
कीव/वॉशिंगटन। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उप राष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच बयानों की जंग पर दुनिया हैरत में है। यूरोप के ज्यादातर नेताओं ने जेलेंस्की का समर्थन करने की बात कही है। वहीं, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने यूक्रेन, अमेरिका और यूरोपीय देशों का शिखर सम्मेलन कराने का मांग की है। वहीं, अब ये सवाल उठ रहा है कि जेलेंस्की और ट्रंप की भिड़ंत के बाद यूक्रेन और अमेरिका का अगला कदम क्या होने जा रहा है?
अगर अमेरिका की बात करें, तो रूस के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से उसने यूक्रेन की काफी मदद की। अमेरिका ने आर्थिक और सैन्य सहायता के तौर पर 320 अरब डॉलर का खर्च यूक्रेन पर किया है। बीते दिनों खबर आई थी कि यूक्रेन को मिली अमेरिकी मदद में से काफी रकम के खर्च का पता नहीं चल रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने भी साफ कहा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भले ही शांति स्थापना की बात करते हैं, लेकिन वो ऐसा चाहते नहीं हैं। ट्रंप ने ये भी कह दिया है कि जब जेलेंस्की शांति के लिए तैयार हों, तो अमेरिका आ सकते हैं। उधर, ट्रंप और जेलेंस्की की भिड़ंत के बाद अमेरिका में सरकारी खर्च की जांच कर रहे डीओजीई DOGE बनाने वाले कारोबारी एलन मस्क ने एक्स पर पोस्ट किया है कि यूक्रेन को अमेरिका से मिली अरबों डॉलर की मदद की जांच का वक्त आ गया है। ऐसे में जेलेंस्की और यूक्रेन के लिए मुश्किल बढ़ सकती है।
Time to find out what really happened to the hundreds of billions of dollars sent to Ukraine …
— Elon Musk (@elonmusk) February 28, 2025
अगर यूक्रेन की बात करें, तो जेलेंस्की के रवैये के बाद अमेरिका का समर्थन खत्म होने का खतरा है। अगर अमेरिका की ट्रंप सरकार ने और मदद देने से हाथ खींच लिए, तो यूक्रेन को सिर्फ यूरोप के देशों से ही मदद मिलेगी। यूरोप के नेता भले ही अभी वोलोदिमिर जेलेंस्की के पक्ष में खड़े दिख रहे हैं, लेकिन सवाल ये है कि कितने दिन तक वे यूक्रेन की मदद कर रूस से जंग जारी रखवा सकते हैं। वहीं, यूक्रेन के खास खनिज हासिल करने वाला अमेरिका अब क्या कदम उठाता है, ये भी अहम है। बीते दिनों ही अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद में यूक्रेन-रूस की जंग खत्म कराने का प्रस्ताव पास कराया। ट्रंप भी अब फिर साफ कर चुके हैं कि वो शांति चाहते हैं। उन्होंने जेलेंस्की से सबके सामने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ये समझ नहीं पा रहे कि दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में अगले कुछ दिन यूक्रेन, अमेरिका और रूस के साथ ही यूरोप के लिए भी बहुत अहम होने वाले हैं।